Home समाचार ऐसे चांद की सतह पर उतरेगा विक्रम लैंडर… जानिए हर सेकंड की...

ऐसे चांद की सतह पर उतरेगा विक्रम लैंडर… जानिए हर सेकंड की जानकारी

41
0

चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर 6 और 7 सितंबर की दरम्यानी रात 1.30 से 2.30 बजे के बीच चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. भारत पहली बार किसी उपग्रह पर अपने किसी यान की सॉफ्ट लैंडिंग करा रहा है. सॉफ्ट लैंडिंग एक जटिल प्रक्रिया है, इसलिए इसरो वैज्ञानिकों समेत पूरे देश की सांसें थमी हुई हैं. इसरो के वैज्ञानिक 6 सितंबर की देर रात चांद पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को किस तरह उतारेंगे यह जानना दिलचस्प है. आइए जानते हैं कि 6 सितंबर की रात 1.30 बजे से लेकर 7 सितंबर की सुबह तक विक्रम लैंडर को लेकर क्या-क्या काम होगा…

6 सितंबर देर रात 1.40 बजेः चांद की सतह की तरफ बढ़ेगा विक्रम लैंडर

अभी विक्रम लैंडर चांद के चारों तरफ 35 किमी की पेरीजी और 101 किमी की एपोजी वाली कक्षा में चक्कर लगा रहा है. इस समय विक्रम लैंडर की गति है 6000 किमी प्रति घंटा. यह गति ध्वनि की गति के आसपास ही है. अगले 10 मिनट में विक्रम लैंडर चांद की सतह से अपनी ऊंचाई घटाकर 22.5 किमी तक ले आएगा. इसके बाद विक्रम लैंडर की गति घटाकर 5500 किमी प्रति घंटा की जाएगी और इसे 7.4 किमी की ऊंचाई पर लाया जाएगा.

इसके बाद 526 किमी प्रति घंटा की स्पीड से इसे नीचे उतारा जाएगा. अगले 38 सेकंड में इसकी गति घटाकर 331.2 किमी प्रति घंटा की जाएगी. इसी गति से वह 5 किमी की ऊंचाई पर आएगा. अगले 1.5 मिनट में विक्रम लैंडर 400 मीटर की ऊंचाई तक आ जाएगा. इस ऊंचाई तक आने के लिए इसकी गति करीब 100 किमी प्रति घंटा होगी.

फिर चांद की सतह से ऊपर मंडराएगा विक्रम लैंडर ताकि लैंडिंग की जगह देख सके

चांद की सतह से 400 मीटर ऊपर आने के बाद विक्रम लैंडर हवा में मंडराने लगेगा. करीब 12 सेकंड तक हवा में मंडराने के दौरान वह चांद की सतह के डाटा जमा करेगा. इसके बाद अगले 66 सेकंड तक ऊंचाई घटाकर चांद की सतह से 100 मीटर की ऊंचाई पर आ जाएगा. 100 मीटर की ऊंचाई पर विक्रम लैंडर दोबारा हवा में 25 सेकंड मंडराएगा. ताकि वह यह पुष्ट कर सके कि पहले से निर्धारित स्थान पर लैंडिंग कर सकते हैं या दूसरी जगह खोजी जाए. यह सारा काम विक्रम लैंडर में लगे ऑनबोर्ड कंप्यूटर और सेंसर्स करेंगे.

कहां होगी लैंडिंग, विक्रम लैंडर खुद कर लेगा फैसला

100 मीटर की ऊंचाई से पहले से निर्धारित जगह पर उतरने के लिए विक्रम लैंडर को अगले 65 सेकंड में 10 मीटर की ऊंचाई तक आना होगा. फिर, यह सीधी लैंडिंग होगी. अगर इसे दूसरी जगह चुननी पड़ी तो यह अगले 40 सेकंड में वापस 60 मीटर की ऊंचाई पर जाएगा. इसके बाद वह वापस सतह की स्कैनिंग करने के बाद अगले 25 सेकंड में अपनी ऊंचाई घटाकर 10 मीटर करेगा. यहां गति क्या होगी, अभी इसकी जानकारी नहीं है. 10 मीटर की ऊंचाई से अगले 13 सेकंड में विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. गति होगी 0 किमी प्रति घंटा. विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद चांद की पहली तस्वीर आएगी. यह तस्वीर विक्रम लैंडर सीधे पृथ्वी पर इसरो सेंटर को भेज देगा.