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छत्तीसगढ़ महापौर-अध्यक्ष चुनाव : राज्य सरकार के फैसले का कांग्रेस ने किया स्वागत

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पार्षदों द्वारा नगरीय निकाय में महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव किये जाने के राज्य सरकार के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भारत की संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री का चुनाव जनता द्वारा निर्वाचित सांसद और मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक करते है तो पार्षदों द्वारा महापौर के चुने जाने पर भाजपा को आपत्ति क्यों है? भारतीय जनता पार्टी जान चुकी है कि उसके पार्षद जीत कर नहीं आने वाले हैं इसीलिये वह विरोध कर रही है। राजनीति में सक्रिय छोटे और आम कार्यकर्ता प्रत्यक्ष प्रणाली में महापौर हेतु चुनाव क्षेत्र बड़ा होने और खचीर्ली चुनाव प्रक्रिया के चलते सीधे तौर पर महापौर का चुनाव नहीं लड़ पाते और इस प्रकार से सक्रिय प्रतिभावान कार्यकर्ता पीछे रह जाते हैं। पार्षदों के माध्यम से महापौर के निर्वाचन में ऐसे ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को अपनी काबिलियत को साबित करने का मौका मिलेगा जो स्वागत योग्य है। उन्होोंने कहा कि खरीद-फरोख्त की संभावना के आधार पर विरोध करने वाली भाजपा यह न भूले कि मोदी दो बार इसी प्रणाली से तो चुने गये हैं। नगरीय निकाय के अध्यक्ष पदों का चुनाव सीधे मतदाताओं द्वारा होगा। अब पार्षद अपने नगर निगम या नगर पालिका, नगर पंचायत के प्रमुख का चुनाव करेंगे। नई प्रणाली से बहुत सारी विसंगतियां दूर होंगी। पूर्व में इस प्रणाली में कई बार महापौर एक दल के होते थे, पार्षदों में दूसरे दल का बहुमत हो जाता था। दूसरे परिणामस्वरूप लगातार टकराव की स्थिति देखने को मिलती थी, कई बार तो बजट तक पास करवा पाना महापौर के लिए मुश्किल होता था, अगर पार्षद और नगरीय निकाय का प्रमुख एक ही दल के होंगे तो काम करने में भी आसानी होगी।  शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के इस लोकहितकारी फैसले का विरोध भारतीय जनता पार्टी की वास्तविक चरित्र को उजागर करता है। त्रिवेदी ने कहा है कि ईवीएम शुरू से ही संदिग्ध रही है। देश के भाजपा को छोड़कर बाकी सारे राजनैतिक दल ईवीएम का विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में मतपत्र से चुनाव होता है तो कांग्रेस पार्टी इसका स्वागत करती है।