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छत्तीसगढ़ – नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व, घर सजे और नदी घाटों की हुई सफाई…

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नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। 4 दिवसीय इस महापर्व के लिए घर सज चुके हैं। नदी घाटों और तालाबों की सफाई भी पूरी की जा चुकी है। खरना शुक्रवार को होगा। इसी दिन शाम को प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का व्रत शुरू हो जाता है। उपवास रहते हुए व्रती सूर्य को पहला अर्घ्य 2 नवंबर को देंगी। फिर दूसरा अर्घ्य 3 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को। इस बीच 36 घंटे तक व्रती न तो कुछ खाएंगे, न पिएंगे। छठ महापर्व पर शहर में इस बार 50 से ज्यादा जगहों पर धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। 

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने महादेव घाट पर जुटेंगे, हाेंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

  1. सबसे बड़ा आयोजन महादेवघाट में होगा। यहां एक साथ 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देंगे। आयोजन समिति ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली हैं। छठ महापर्व आयोजन समिति, महादेवघाट के प्रमुख राजेश सिंह ने बताया कि घाट की सफाई पूरी कर ली गई है। पार्किंग, टेंट, महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम भी तैयार हैं। मुख्य कार्यक्रम 2 नवंबर को होगा। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग महादेवघाट में जुटेंगे। इस दिन दोपहर 3 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हाे जाएंगे। भाेजपुरी गायिका व एक्ट्रेस देवी छठ मइया के भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगी। 
  2. तिथिवार पूजन : नहाय खाय- 31 अक्टूबर,  खरना- 1 नवंबर, संध्या अर्घ्य- 2 नवंबर., उषा अर्घ्य- 3 नवंबरलोक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने छत्तीसगढ़ी कलाकार मंच पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 3 और 4 नवंबर को सूर्य उपासना के लिए जितने भी श्रद्धालु जुटेंगे, उनके लिए गाय के दूध और गंगा जल की व्यवस्था की जाएगी। दोनों दिन भंडारे का आयोजन भी किया गया है। पुलिस और निगम प्रशासन की टीम लोगों की मदद के लिए मौजूद रहेगी। इसके अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात रहेंगे। आयोजन स्थल पर डॉक्टरों एक टीम भी उपलब्ध कराई जा रही है। 
  3. छठ महापर्व से जुड़ी खास बातें 
    • माताएं पुत्र की प्राप्ति के लिए 4 दिन तक छठ मइया और सूर्य की उपासना करती है। 
    •  यह ऋग वैदिक कालीन पर्व है। विष्णु पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, भगवत पुराण में वर्णन। 
    •  नेपाल, फिजी, मॉरिशस, सूरीनाम, गुयाना जैसे देशों में भी लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं। 
    •  यह एकमात्र ऐसा पर्व जिसमें न केवल उगते, बल्कि डूबते सूर्य की भी पूजा होती है। 
    •  छत्तीसगढ़ में खारून, अरपा और शिवनाथ नदी के आसपास सबसे ज्यादा आयोजन। 
  4. राज्यपाल सीएम को दिया समारोह का न्योता आयोजन समिति ने राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर समारोह का न्योता दिया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति दी है। उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सभी केबिनेट मंत्रियों समेत विधायक कुलदीप जुनेजा, बृजमोहन अग्रवाल, विकास उपाध्याय, महापौर प्रमोद दुबे, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व आरडीए अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव को भी न्योता दिया गया है।