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छत्तीसगढ़ : महापौर या अध्यक्ष को हटाने के लिए अब लाना होगा अविश्वास प्रस्ताव

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 नगरीय निकायों के महपौर या अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अब विपक्ष को परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा। नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली होने के साथ ही महापौर या अध्यक्ष को हटाने के लिए राइट टू रिकॉल की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। मतलब, महापौर और अध्यक्ष को जनता पद से नहीं हटा सकेगी। प्रदेश में अभी तक महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होता था। जनता इनका चुनाव करती थी। जिन पदों के लिए सीधे चुनाव होता है, उन पर चुने गए व्यक्ति को हटाने के लिए भी जनता वोट करती है।

मौजूदा सरकार ने महापौर और अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया बदल दी है। अब जनता केवल पार्षदों को चुनेगी। जिस दल के पार्षद बहुमत में होंगे, वे अपने बीच से महापौर या अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। ऐसी स्थिति में महापौर या अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए पार्षद ही अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें परिषद में यह साबित करना होगा कि महापौर या अध्यक्ष के खिलाफ में ज्यादा पार्षद हैं। अप्रत्यक्ष चुनाव पर राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही इस व्यवस्था को भी मंजूरी मिल गई है। राइट टू रिकॉल व्यवस्था को खत्म करने और अविश्वास प्रस्ताव की व्यवस्था को लागू करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है।

विपक्ष का हमला, रमन बोले-जनता के अधिकारों का हनन

महापौर और अध्यक्ष को पद से हटाने की व्यवस्था में बदलाव पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि मौजूदा सरकार जनता के अधिकारों का हनन कर रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान में संशोधन कर जनता को राइट टू रिकॉल की व्यवस्था दी थी, जिसे अब उन्हीं की पार्टी की सरकार बदल रही है।

रमन का कहना है कि राइट टू रिकॉल से जनप्रतिनिधि के मन में डर बना रहता है कि वह बेहतर काम नहीं करेगा, तो उसे जनता हटा सकती है। रमन का कहना है, मौजूदा सरकार घबराकर राइट टू रिकॉल को खत्म कर रही है।

अप्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था है अविश्वास प्रस्ताव

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव तो सभी अप्रत्यक्ष चुनाव की व्यवस्था है। वह चाहे मुख्यमंत्री के लिए हो या फिर प्रधानमंत्री पद के लिए, अविश्वास प्रस्ताव लाना होता है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए नियमों के विपरीत बयानबाजी करने में लगा हुआ है।