ओबीसी आरक्षण को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है। 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के पक्ष में प्रदेश में बंद का आह्वान किया गया है। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सर्व समाज महासंघ ने आज महाबंद का आह्वान किया है। इसका मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। ज्यादातर जिलों में बंद का आह्वान बेअसर साबित हुआ है। वहीं कुछ जिलों में बंद का आंशिक असर है। संगठन से जुड़े जनप्रतिनिधि जिन स्थानों पर सड़क पर निकलकर बंद करा रहे हैं, वहां दुकानें बंद हैं। वहीं जहां आरक्षण के समर्थन में लोग खुलकर सामने नहीं आए, उन स्थानों पर बंद बेअसर है। विभिन्न समाज प्रमुखों को इस आंदोलन का नेतृत्व सौंपा गया है। पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण प्रतिशत में बढ़ोत्तरी और इसके नए प्रावधान के कोर्ट से स्थगन हो जाने से आरक्षण की व्यवस्था प्रभावित हुई है। सर्वसमाज संगठन जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग कर रही है।
बीजापुर और नारायणपुर जिलों में बंद बेअसर है। वहीं दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में व्यवसायिक प्रतिष्ठानें और साप्ताहिक बाजार बंद होने की खबर है। इस जिले के मेड़का डोबरा में समाज प्रमुखों की दोपहर में बैठक है। बाद रैली निकाले जाने की तैयारी है। महासमुंद जिले में बंद का मिला-जुला असर है।
जिला मुख्यालय में जहां सर्वसमाज संगठन के लोग सुबह से बंद कराने मोटरसाइकिल पर घुम रहे हैं। वहीं जिले के बसना, बागबाहरा, पिथौरा में भी बंद का मिलाजुला असर है। धमतरी जिले में भी सुबह से ही संगठन के लोग बाइक रैली निकालकर नारेबाजी कर रहे हैं। बंद कराने अलग-अलग टोलियों में सामाजिक कार्यकर्ता घुम रहे हैं और बंद को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं।
जशपुर, रायगढ़, जांजगीर में बंद का कोई असर नहीं है। अनेक जिलों में तो बंद का आह्वान ही नहीं किया गया है। मुंगेली जिला के बेरला में बंद का खासा असर होने की खबर है। मुंगेली और बेरला पूरी तरह से बंद है। इधर, बिलासपुर में दुकानें खुलने लगी है।
बंद का आंसिक असर दिख रहा है। पथरिया में भी युवा संगठन बंद कराने सड़क पर उतरा है। प्रदेश के अन्य जिलों से भी बंद का मिलाजुला असर दिख रहा है। महासमुंद सहित कुछ स्थानों पर स्कूल-कालेज को भी बंद कराए जाने की खबर है।