तमाम मनुहार के बावजूद फरवरी में अपनी भारत यात्रा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला किया है। पाकिस्तान की कोशिश थी कि ट्रंप भारत के बाद उनके यहां आएं, जिससे वह दुनिया को संदेश दे पाए। ट्रंप का इनकार आतंकवाद पर पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है। आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री भारत-पाकिस्तान का साथ-साथ दौरा करते रहे हैं। पिछले साल जुलाई में अमेरिका यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप को आमंत्रित किया था। जब ट्रंप की भारत यात्रा की योजना बनी तो पाकिस्तान ने टंप को अपने यहां बुलाने के लिए पूरी ताकत लगाई। भारत को इस पर आपत्ति थी। सूत्रों का कहना है कि ट्रंप ने पाकिस्तान को अलग से कार्यक्रम बनाने का आश्वासन दिया है।
24-25 फरवरी हो सकता है कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप की पहली भारत यात्रा दो दिवसीय होगी। इसके लिए 24 और 25 फरवरी की तारीख लगभग तय है। भारत में ट्रंप के सारे कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। हालांकि, इस पर अभी अंतिम सहमति बननी बाकी है। भारत यात्रा के दौरान ट्रंप पीएम नरेंद्र मोदी की ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की तर्ज पर गुजरात और दिल्ली में कार्यक्रम कर सकते हैं। ट्रंप ताजमहल का दीदार करने आगरा भी जा सकते हैं।
क्यों अहम है दौरा ट्रंप का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब आतंकवाद और कश्मीर के सवाल पर भारत-पाक के बीच कूटनीतिक जंग चरम पर है। इसके अलावा व्यापार के मामले में अमेरिका और चीन के बीच ठनी हुई है। भारत के करीबी मित्र ईरान से भी अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्ते बदतर स्थिति में हैं।
भारत को उम्मीद है कि ट्रंप उसकी धरती से सीमा पार आतंकवाद मामले में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देंगे। इसके अलावा भारत में निवेश की उम्मीदें जगाने के साथ ईरान के मामले में भारतीय हितों के मद्देनजर बीच का रास्ता अपनाएंगे।