पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) से पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) का मेनिफेस्टो जारी किया. टीएमसी के चुनावी घोषणापत्र में किसानों, छात्रों, जनरल और एससी/एसटी वर्ग के लोगों के लिए कई बड़े वादे किए गए हैं. हालांकि, टीएमसी के चुनावी घोषणापत्र को देखें तो पता चलता है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जो वादे किए हैं वह योजनाएं पहले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) चला रहे हैं.
महीने बाकी थे. किसानों के बीच पीएम मोदी की इस योजना ने जबरदस्त असर डाला और बीजेपी को चुनाव में बड़ी जीत हासिल हुई. पीएम मोदी की राह पर बढ़ते हुए अब टीएमसी ने भी उन्हीं योजनाओं का वादा किया और सत्ता में तीसरी बार आने की उम्मीद जताई है
ममता बनर्जी भले ही इन वादों के जरिए एक बार फिर सत्ता की कमान थामना चाहती हों लेकिन पीएम मोदी की घोषणा और ममता के वादों के बीच एक बड़ा अंतर दिखाई देता है. पीएम मोदी ने फरवरी 2019 में पीएम किसान योजना की घोषणा की थी उस वक्त चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया था. ऐसे में किसानों को इसका लाभ पहले ही मिलने लगा था जबकि ममता बनर्जी ने किसानों से जो वादा किया है वह पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले है.
ममता बनर्जी ने मेनिफेस्टो में किए ये बड़े वादे
ममता बनर्जी ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगर टीएमसी सत्ता में आती है तो बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय प्राप्त होगी. इसमें 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना दिया जएगा. सभी परिवारों को मिलने वाली न्यूनतम आय परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी.
दस लाख रुपये की क्रेडिट सीमा के साथ नई कार्ड योजना का वादा
इसके साथ ही टीएमसी ने छात्रों के लिए चुनावी घोषणा पत्र में बड़ा वादा किया है. टीएमसी ने छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपये की क्रेडिट सीमा के साथ नई कार्ड योजना का वादा किया है. इस योजना के तहत छात्रों को सिर्फ चार फीसदी का ब्याज पर लोन किया जाएगा.