मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी (Param bir Singh) ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज कर दी है. एक ओर जहां विपक्ष गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के इस्तीफे की मांग कर रहा है तो वहीं एनसीपी ने साफ कह दिया है कि देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे. गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के बीच अब शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि इस देश में कई नेताओं पर आरोप लगते रहते हैं. अगर सबका इस्तीफ़ा लेना शुरू कर दिया जाए तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि कल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कहा है कि इस्तीफा लेना केवल मुख्यमंत्री का अधिकार होता है. अगर
NCP प्रमुख ने ये तय किया है कि अनिल देशमुख के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं उसमें कोई सच्चाई नहीं है. ऐसे में गृहमंत्री के इस्तीफे की बता कहां आती है. उन्होंने कहा कि अगर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कोई चिट्ठी लिखी है तो उसकी जांच होनी चाहिए. गृहमंत्री अनिल देशमुख भी यह कह चुके हैं कि उन्हें जांच से कोई ऐतराज नहीं है. अगर सरकार जांच के लिए तैयार है तो इस्तीफे की बात क्यों हो रही है.
सामना में हमारी पार्टी की ओर से जो कहा गया है वह शत प्रतिशत सही है. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर के कंधे पर बंदूक रखकर सरकार गिराने का काम किया जा रहा है. विरोधी पक्ष अपने आपको होशियार समझता है. विपक्ष लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों के बीच क्या तय हुआ. अगर कुछ तय हुआ है तो उस पर फैसला करने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री का है. हम इतना जरूर कहेंगे कि महा विकास अघाड़ी का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है.
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का आरोप है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करके उन्हें पहुंचाएं. सिंह के आरोपों पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि चिट्ठी में लगाए गए आरोप गंभीर जरूर हैं, लेकिन इसमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में आखिरी फैसला लेंगे.