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2019 लोकसभा चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल : MP के आला अफसरों ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट

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2019 के लोकसभा चुनाव में काले धन (Black money) के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग (Election commission) की सक्रियता बढ़ गई है. आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा को दिल्ली तलब किया. दोनों आज आयोग में पेश हुए और इस मामले में कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट आयोग को सौंपी. यह दूसरा मौका है जब आयोग ने प्रदेश के दो आला अफसरों को दिल्ली बुलाया है और पूरे मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की है.आज केंद्रीय चुनाव आयोग (Election commission) में हुई अहम बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं

खबर है कि राज्य सरकार ने पूरे मामले में ईओडब्ल्यू में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद स्टेटस रिपोर्ट तैयार की है, जो चुनाव आयोग के सामने रखी जाएगी. एमपी के अफसर पूरे मामले में अब तक ईओडब्ल्यू की कार्रवाई और पड़ताल की जानकारी देंगे. प्रदेश के अफसर आयोग को यह भी जानकारी देंगे, कि केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं.

कई अफसरों की कुंडली तैयार
जानकारी के मुताबिक गृह विभाग ने सीबीडीटी की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कई अफसरों की कुंडली तैयार कर ली है. ईओडब्ल्यू की पड़ताल में जो जानकारी निकलकर सामने आई है. उसी के आधार पर कुछ अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जा सकते हैं. गृह विभाग में आयोग के साथ होने वाली बैठक को लेकर जो दस्तावेज जुटाए हैं, उसमें कुछ अफसरों को नामजद किया गया है.
क्या है पूरा मामला

2019 के चुनाव में काले धन के इस्तेमाल के मामले पर इनकम टैक्स ने कई कई स्थानों पर छापे मारे थे. मामला केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी को भी सौंपा गया था. सीबीडीटी की रिपोर्ट में चुनाव में काले धन के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी. साथ ही पूरे मामले में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के करीबी अफसर, विधायक और नेताओं और व्यवसाइयों के नाम सामने आए थे. सीबीडीटी की रिपोर्ट में 3 आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, वी मधु कुमार और संजय माने के अलावा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा का नाम सामने आया था. सीबीडीटी की रिपोर्ट में कमलनाथ के करीबियों का भी नाम भी था. रिपोर्ट में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों के लेनदेन की बात कही गई है और इसी पूरे मामले को लेकर चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए मामले में एफ आई आर दर्ज करने और आयोग को रिपोर्ट देने को कहा था. इस पूरे मामले में 5 जनवरी को प्रदेश के अफसर चुनाव आयोग को प्रिलिमनरी इंक्वायरी रजिस्टर की जानकारी दे चुके हैं. तब अफसरों ने आयोग से 2 हफ्ते का समय मांगा था. उसमें ईओडब्ल्यू के एक्शन के बारे में आयोग को जानकारी देने की बात कही गई थी. आज हो रही इस अहम बैठक में राज्य सरकार आयोग को ईओडब्ल्यू के एक्शन के बारे में जानकारी देगी.