देश भर में 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीनेशन का खर्च राज्यों पर डालने और वैक्सीन की कीमतों में इजाफा करने पर सियासत गरमा चुकी है। राजस्थान सहित कई राज्य 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के वैक्सीनेशन का खर्च केंद्र से उठाने की पैरवी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर 18 साल से ज्यादा उम्र के युवाओं के फ्री वैक्सीनेशन का खर्च केंद्र सरकार से वहन करने की मांग की है। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस मांग को पुरजोर तरीके से रखा गया।
एक ही हो नीति
सीएम गहलोत ने पीएम को चिट्ठी में लिखा है – केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष और अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिए। राज्यों में सभी आयु वर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगाएगा। यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को मु्फ्त वैक्सीन लगाई जाए।
कीमतों पर सवाल
गहलोत ने पीएम को लिखी चिट्ठी में वैक्सीन की अलग अलग कीमतों पर भी सवाल उठाए हैं। सीएम ने लिखा है कि एक ही वैक्सीन की केंद्र और राज्यों के लिए अलग-अलग कीमत होना न्यायसंगत नहीं है। कोविड के इस संकट में राज्यों पर अतिरिक्त भार पड़ने से आमजन को परेशानियां आएंगी और राज्यों में विकास कार्य भी प्रभावित होंगे। कोविड वैक्सीनेशन पूरे देश के लिए फ्री होना चाहिए। केन्द्र सरकार को आयु वर्ग के आधार पर जनता में भेदभाव नहीं करना चाहिए। केन्द्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीन लगाने की अनुमति दी है। इसलिए सक्षम लोग स्वयं ही वहां पैसे देकर वैक्सीन लगवा सकेंगे। राजस्थान में अब तक ़6 साल से ज्यादा उम्र वालों के वैक्सीनेशन को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। अब केंद्र के रुख के बाद राज्य सरकार अगली रणनीति तय करेगी।