देश में वयस्कों के टीकाकरण (Vaccination Drive 3rd Phase:) के लिए 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू होने वाला है. तीसरा फेज शुरू होने से पहले राज्यों को तगड़ा झटका लगा है. केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र द्वारा दी गई वैक्सीन का उपयोग 45 वर्ष से कम उम्र की आबादी के लिए नहीं किया जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, ‘भारत सरकार के टीके की सप्लाई से मौजूदा प्राथमिकता वाले समूहों के अलावा किसी और को वैक्सीनेट नहीं किया जाएगा.’ यानी 18+ का वैक्सीनेशन करने के लिए राज्यों को खुद से वैक्सीन खरीदनी होगी.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त सचिव मनोहर
अगहानी द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया है, ‘मैन्यूफैक्चरर से वैक्सीन की 50% सप्लाई भारत सरकार के लिए होती है. ये टीके मौजूदा प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के लिए ही राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को दिए जाएंगे, यानी इन टीकों से हेल्थ केयर वर्कर्स (HCWs), फ्रंट लाइन वर्कर्स (FLW) और 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का ही वैक्सीनेशन हो सकता है.’
बाकी 50 फीसदी सप्लाई का करें इस्तेमाल
कहा गया है कि मैन्युफैक्चरर से वैक्सीन की बाकी 50 प्रतिशत सप्लाई का इस्तेमाल राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकार, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अस्पतालों में 18-44 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए किया जा सकता है
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार कहा था कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिना शुल्क के 15 करोड़ से अधिक टीके दिए. 18 साल के समूह के टीकाकरण शुरू होने से तीन दिन पहले, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्यों में बैलेंस वैक्सीन की उपलब्धता पर जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय कोटा कम हो गया है क्योंकि राज्यों के पास टीकों का पर्याप्त स्टॉक नहीं बचा है. 27 अप्रैल की सुबह के डेटा के अनुसार उत्तर प्रदेश को छोड़कर, भारत के किसी भी राज्य में स्टॉक दस लाख खुराक से अधिक नहीं बची हैं.