देश में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच आज रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik-V) की पहली खेप भारत (India) आ रही है. इससे पहले भारत में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (covaxin) के साथ कोरोना की जंग लड़ रहा है. स्पूतनिक वी की पहली खेप आने के बाद से भारत में टीकाकरण की रफ्तार और तेज हो जाएगी. बता दें कि आज से 18 साल से ऊपर के हर शख्स को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का अभियान शुरू किया गया है. ऐसे में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान में तेजी लाएगा.
रूसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है कि आज भारत में स्पूतनिक
स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप पहुंच जाएगी. स्पूतनिक-वी वैक्सीन को गमालया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है. रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने पिछले सप्ताह समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि स्पूतनिक-वी की पहली खुराक 1 मई को डिलिवर की जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई की रूस की कोरोना वैक्सीन भारत में आई दूसरी लहर को रोकने में मददगार साबित होगी.
बता दें भारत के औषधि महानियंत्रक ने कुछ शर्तों के साथ रूस के कोविड-19 टीके ‘स्पूतनिक-V’ को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी. इसके साथ ही देश में तीसरे कोरोना टीके की उपलब्धता का रास्ता साफ हो गया. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. भारत के औषधि महानियंत्रक की इस मंजूरी से पूर्व केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सोमवार को ही कुछ नियामकीय शर्तों के साथ ‘स्पूतनिक वी’ के सीमित आपात इस्तेमाल की सिफारिश की थी.
स्पूतनिक वी की क्या कीमत हो सकती है?
फिलहाल सरकारी अस्पतालों में कोवैक्सिन और कोविशील्ड, दोनों ही वैक्सीन्स मुफ्त लग रही हैं, जबकि निजी अस्पतालों में इसका शुल्क है. फिलहाल स्पूतनिक वी आएगा, तो उसकी कीमत क्या होगी, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं. जिन देशों ने स्पूतनिक के इस्तेमाल को मंजूरी दी है, वहां इसके टीके की कीमत लगभग 700 रुपए है. तो अगर इसे रूस से आयात करें तो टीके की कीमत ज्यादा हो सकती है. लेकिन इसके यहीं उत्पादन की बात चल रही है. ऐसे में टीका कम कीमत पर मिल सकेगा. बता दें कि इसकी डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज से 10 करोड़ डोज बनाने की डील हुई है.
क्या फर्क है तीनों टीकों में
अब अगर इसे, हमारे यहां की दोनों वैक्सीन से तुलना करते हुए देखें तो कई अंतर हैं. तीसरे चरण के ट्रायल में स्पूतनिक वी की एफिकेसी 91% देखी गई. वहीं हमारे यहां भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की एफिकेसी- दोनों ही तुलनात्मक तौर पर इससे कुछ कम हैं. डोज देने के अंतराल की बात करें तो तीनों ही वैक्सीन्स कुछ-कुछ हफ्तों के फर्क पर दी जाती हैं. ये समय तीनों के लिए अलग-अलग है, जबकि एक समानता ये है कि तीनों के ही दो डोज लेने होते हैं. यानी कोई भी वैक्सीन सिंगल डोज नहीं.