छत्तीसगढ़ में सिस्टम और अफसरों की लापरवाही ने फिर एक जान ले ली। कांकेर में एक महिला ने रविवार को अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया। वैक्सीनेशन कराने के बाद महिला की तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद BMO ने कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा। जब महिला को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे तो किसी ने हाथ ही नहीं लगाया। परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम भी वहां पहुंच गई।
जानकारी के मुताबिक, पंखाजुर के योगेंद्रनगर गांव निवासी रूपोषि तरफदार की तबीयत बिगड़ने पर परिजन रविवार को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे थे। महिला को कोरोना के लक्षण थे। कोई भी कर्मचारी उसे एंबुलेंस से उतार कर अंदर लाने के लिए तैयार नहीं था। महिला को अंदर ले जाने का भी कोई इंतजाम नहीं था। परिजन खुद ही किसी तरह महिला को उठाकर अस्पताल में ले गए, लेकिन इस सबके बीच अस्पताल गेट पर उसकी मौत हो गई।
महिला के लक्षण कोविड वाले थे। अस्पताल के कर्मचारियों के पास किट भी नहीं थी, तो उन्होंने महिला को कोविड सेंटर ले जाने के लिए कहा।
परिजनों का आरोप- इलाज नहीं करने से गई महिला की जान
परिजनों ने आरोप लगाया है कि इलाज नहीं करने के कारण महिला की जान गई है। महिला का वजन काफी ज्यादा था। ऐसे में 5 लोग मिलकर भी उसे काफी मशक्कत के बाद उठा सके। इस बीच उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी। महिला के बेटे ने कहा कि कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया। उसकी मां को ऑक्सीजन भी नहीं दी गई। वहीं हंगामे की सूचना पर पहुंची प्रशासन की टीम परिजनों को काफी देर तक शव से अलग करने की मशक्कत करती रही।
वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार आया तो कहा- पैरासिटेमॉल खिलाओ
महिला के देवर ने बताया कि 15 दिन पहले उसकी भाभी को वैक्सीन लगाई गई थी। इसके बाद उनको बुखार आ गया। BMO ने पहले कहा कि बुखार एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा, फिर पैरासिटेमॉल दवाई देने के लिए कहा। इसके बाद भी उनकी तबीयत ठीक नहीं हो रही थी। इस पर उन्होंने फिर BMO को जानकारी दी तो उन्होंने कोविड टेस्ट कराने के लिए कहा। टेस्ट कराने के लिए ही अस्पताल लाए थे, लेकिन भाभी ने तड़पते हुए जान दे दी।
कोविड अस्पताल ले जाने की सलाह देते रहे कर्मचारी
महिला के लक्षण कोविड वाले थे। अस्पताल के कर्मचारियों के पास किट भी नहीं थी, तो उन्होंने महिला को कोविड सेंटर ले जाने के लिए कहा। परिजन उनसे बार-बार देखने की गुहार लगाते रहे और कर्मचारी अपनी बात पर अड़े थे। इस बीच महिला की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। कुछ देर बाद डॉक्टर ने बाहर आकर देखा और फिर महिला को अंदर लाने के लिए कहा। परिजनों ने किसी तरह प्रयास कर महिला को उठाया, पर अस्पताल गेट पर ही उसकी मौत हो गई।