राजधानी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकाण्ड के मामले में अंतत: दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो गई है. संचालक मण्डल के दो सदस्यों को टीकरापारा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 17 अप्रैल को कोविड अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शॉट सर्किट की वजह से आग लगी थी, जिसमें 6 कोविड मरीज़ों की जान दम घुटने और जलने के बाद हुई थी. इस मामले की जांच संयुक्त टीम कर रही थी. आज इस मामले में दो चिकित्सकों की गिरफ्तारी हुई.
रायपुर के राजधानी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में हुए अग्निकांड मामले में अस्पताल संचालक मंडल के दो डॉक्टरों सचिन मल और अरविंदो राय को गैर इरादतन हत्या के आरोप में पुलिस ने रफ्तार किया है. टिकरापारा थाने में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी हुई है.
जांच में इसलिए हुई देर
आगजनी काण्ड के बाद स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रुप से जांच की. कोविड अस्पताल होने की वजह से 7 दिनों तक जांच दल को इंतजार करना पड़ा क्योंकि सभी को कोरोना वायरस के संक्रमण का डर था.
अस्पताल की लापरवाही आई सामने
टीम ने जांच में पाया कि फायर सेफ्टी के जो नॉर्म्स थे उन्हें पूरा नहीं किया गया. आग बुझाने के लिए कोई एक्सपर्ट भी हॉस्पिटल में मौजूद नहीं थे. एएसपी लखन पटले ने कहा कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है. पुलिस हर बिन्दु पर बारीकी से जांच कर रही है. लापरवाही बरतने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
गौरतलब है कि एक तो भीषण आग और दूसरे कोरोना के डर के चलते अस्पताल में आग लगने पर लोगों को बचाना मुश्किल हो गया था. 4 फायर फाइटरों ने मानवता काी मिसाल पेश तरते हुए दर्जनों लोगों की जान बचाई थी.