नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रैकेट (Racket) केस में बड़ा खुलासा हुआ है. गुजरात में इस रैकेट का पता चलते ही जबलपुर में आरोपी सपन जैन ने सुबूत मिटाने के लिए नकली इंजेक्शन्स को नर्मदा (Narmada) नदी में फेंक दिया था. यह बड़ा खुलासा गुजरात पुलिस के सामने खुद सपन जैन ने किया. उसके बाद टीम उसे लेकर कई ठिकानों पर गयी.
नकली रेमडेसिविर मामले में मध्य प्रदेश से कनेक्शन सामने आने के बाद गुजरात पुलिस दो दिन से जबलपुर में डेरा डाले हुए है. रोजाना अहम खुलासे इस मामले में हो रहे हैं. पुलिस के मुताबिक जिन 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेत सपन जैन जबलपुर लेकर आया था उनमें से 36 इंजेक्शन उसने अपने पास घर में रख लिए थे. बाकी 464 इंजेक्शन उसने सिटी अस्पताल में सप्लाई कर दिये थे.
60 मरीज़ों को लगाए नकली इंजेक्शन
इस मामले में पूर्व में पकड़े गए देवेश चौरसिया ने भी खुलासा किया था कि करीब 60 मरीजों को अस्पताल में नकली इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं. पूरे मामले में पुलिस अब कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. उसने फिलहाल खुलासा नहीं किया है. गुजरात पुलिस ने जबलपुर जेल में बंद सिटी अस्पताल के मैनेजर देवेश चौरसिया का प्रोडक्शन वारंट लेने के लिए अदालत में आवेदन दिया है.
और बड़े खुलासे की उम्मीद
शुरू दिन से यह बात उठ रही है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की मात्रा 500 से अधिक हो सकती है. फिलहाल पुलिस इस मामले में भी कुछ भी कहने से बच रही है. सूत्र कहते हैं कि गुजरात पुलिस ने और अधिक इंजेक्शन की खपत जबलपुर में होने की लिंक जबलपुर पुलिस को दी है. वो अभी फिलहाल इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है. और भी कई अस्पताल इस रैकेट में शामिल हैं जिसका खुलासे होने की उम्मीद है.