बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है. यास नाम का ये चक्रवाती तूफान (Cyclone Yaas) बंगाल के तट से 26 मई को टकराएगा. इस दौरान हवा की रफ्तार 165
किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. लिहाजा सरकार ने इस भंयकर तूफान से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है. बचाव और राहत टीमों को वायुमार्ग से एक स्थान से दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है और रक्षा विमानों तथा नौसैनिक पोतों को सतर्क रखने को कहा गया है.
भारतीय वायुसेना ने चक्रवात ‘यास’ से उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए 11 परिवहन विमान और 25 हेलीकॉप्टर तैयार रखे हैं. बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से निपटने के लिए सरकार द्वारा कई उपायों की शुरुआत करने के बीच वायुसेना ने रविवार को तीन अलग-अलग स्थानों से 21 टन राहत सामग्री और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 334 कर्मियों को हवाई मार्ग से कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर पहुंचाया.
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) अभियानों के लिए तीन सी-130, चार एएन-32 विमानों और दो डोर्नियर विमानों सहित 11 परिवहन विमानों को तैयार रखा है. इसके अलावा, 11 एमआई-17 वी5, दो चेतक, तीन चीता और सात एमआई-17 हेलीकॉप्टर सहित लगभग 25 हेलिकॉप्टरों को भी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा गया है. नौसेना ने कहा कि आठ बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर दल मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात हैं.
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चक्रवात यास से निपटने के लिए एनडीआरएफ की अब कुल 85 टीमों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 32, ओडिसा में 28, अंडमान में 4, आंध्र प्रदेश में 3 और तमिलनाडु में 2 टीमें तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 17 एसएआर यानि सर्च एंड रेस्क्यू टीम को स्टैंड बाय पर रखा गया है. नौसेना की विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय ने यास चक्रवात को देखते हुए कम से कम चार युद्धपोतों को एचएडीआर यानि ह्यूमन अस्सिटेंस एंड डिजास्टर रिलीफ के लिए स्टैंड-बाय भी रख दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ से निपटने के लिए रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की और समुद्री गतिविधियों में शामिल लोगों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि मोदी ने अधिकारियों से राज्यों के साथ करीबी समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा, ताकि अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके