Home छत्तीसगढ़ मकान में कितने कमरे, कितने फ्लोर, कितने एरिया में बना- ये पूछेगा...

मकान में कितने कमरे, कितने फ्लोर, कितने एरिया में बना- ये पूछेगा रायपुर नगर निगम, टैक्स वसूली का है मामला

45
0

रायपुर नगर निगम अब आम लोगों से यह पूछेगा कि उनके मकान में कितने कमरे हैं, कितने फ्लोर हैं, मकान कच्चा है या पक्का और कितने एरिया में बनाया गया है। इसके लिए लोगों को एक फॉर्म भी दिया जाएगा । इस पूरी प्रक्रिया में अगर किसी तरह की आपत्ति हो तो लोग नगर निगम में शिकायत भी कर सकते हैं। दरअसल ये पूरा मामला राजस्व वसूली से जुड़ा हुआ है। नगर निगम रायपुर शहर के हर मकान से टैक्स वसूलता है और इसी प्रक्रिया में सुधार के लिए अब नए सिरे से पूरी जानकारी जुटाने की कवायद की जा रही है।

बैठक में हुआ फैसला
यह फैसला बुधवार को हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक में लिया गया। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि एक फॉर्म हम लोगों को बांटने जा रहे हैं। ये स्व विवरिणिय फॉर्म होगा, इसका मतलब लोग खुद अपने मकान की जानकारी देंगे। इस फॉर्म को भरकर लोग जोन दफ्तरों में जमा करेंगे, इससे नगर निगम के पास से डिटेल जानकारी होगी। इसमें किसी तरह की आपत्ति हो तो लोग आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे।

नहीं बढ़ेगा टैक्स
महापौर एजाज ढेबर ने यह साफ किया कि रायपुर के मकानों से लिया जाने वाला टैक्स किसी तरह से बढ़ाया नहीं जाएगा। पिछले कुछ दिनों में रायपुर नगर निगम के राजस्व में करीब 30 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी भी हुई है। एजाज ढेबर ने कहा कि रायपुर राजधानी में तीन लाख आठ हजार मकान हैं, लेकिन सिर्फ 2 लाख 46 हजार मकानों से ही राजस्व की वसूली हो पा रही है। नए सिरे से जानकारी जुटाकर सभी को टैक्स वसूली के दायरे में जरूर लाने का प्रयास नगर निगम कर सकता है।

कमल विहार का प्रस्ताव गिरा
मेयर इन काउंसिल की बैठक में कमल विहार जोकि रायपुर विकास प्राधिकरण का एक रेजिडेंशियल और कमर्शियल लैंड प्रोजेक्ट है इसे नगर निगम को दिए जाने की चर्चा भी हुई। लेकिन फिलहाल महापौर की टीम ने इस प्रस्ताव को गिरा दिया है। अब नगर निगम कमल विहार का अधिग्रहण नहीं करेगा। कमल विहार को लेने के बदले में कोई राशि नगर निगम को नहीं मिली है, दस्तावेज की जानकारी या अधिकारियों से सभी पहलुओं पर बैठक या बातचीत के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा। मेयर इन काउंसिल की बैठक में रायपुर शहर के कुछ चौक चौराहों के नाम बदलने को लेकर भी चर्चा की गई।