बीजिंगः चीन के शिजियांग में उइगरों पर हो रहे अत्याचारों और उत्पीड़न से पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी है। अब एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन का यह उत्पीड़न अब विश्व के 30 देशों में बसे उइगरों तक फैल गया है। इसका कारण इन देशों की सरकारों के बीजिंग की ताकत और प्रभाव से डर को बताया जा रहा है। वाइस ऑफ अमेरिका (वीओए) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 28 देश ऐसे हैं जो चीनी उइगरों के उत्पीड़न और उन्हें डराने-धमकाने में भी शामिल हैं। ‘नो स्पेस लेफ्ट टू रन, चाइनाज ट्रांसनेशनल रिप्रेशन ऑफ उइगर’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट राइट्स ग्रुप ऑक्सस सोसाइटी फॉर सेंट्रल एशियन द्वारा उइगर मानवाधिकारों पर संयुक्त रूप से बनाई गई है।
इसके मुताबिक चीन अन्य देशों में रहने वाले उइगरों को डराने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल करता है उनमें स्पाइवेयर और हैकिंग से लेकर लक्षित व्यक्तियों के खिलाफ इंटरपोल से रेड नोटिस का जारी कराना भी शामिल है। चीन ने यह तरीका 2017 के बाद से अपनाया है ताकि विदेशी असंतोष को शांत किया जा सके। इसमें प्रवासी उइगरों को चीनी सीमाओं में रहने वाले उनके रिश्तेदारों को हिरासत में लेने की धमकी देना भी शामिल है। ऑक्सस सोसाइटी के शोध निदेशक और रिपोर्ट लेखकों में से एक ब्रैडली जॉर्डिन ने ईमेल के माध्यम से यह जानकारी वीओए को मुहैया कराई।
ऑक्सस सोसाइटी के शोध निदेशक ब्रैडली जॉर्डिन ने बताया कि चीन ने जिन्हें लक्षित किया है उनमें से अधिकांश उइगर पाकिस्तान, मिस्र, सऊदी अरब और तुर्की समेत अन्य मुस्लिम बहुल देशों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ देशों में कमजोर अल्पसंख्यकों के लिए कोई कानूनी सुरक्षा तक नहीं है। इसी कारण चीन के वैश्विक धमकी अभियान के लिए मध्य-पूर्व के देश उपजाऊ जमीन बन गए हैं। पाकिस्तान में 1997 में ऐसा पहला मामला सामने आया था। उस वक्त पाकिस्तान सरकार ने 14 उइगर मुस्लिमों को बीजिंग भेज दिया था। इन मुसलमानों पर चीन ने अलगाववादी होने के आरोप लगाए थे। वीओए ने बताया कि इन सभी को चीन पहुंचने पर मार डाला गया था। जबकि पाक ने यह कदम चीन की दोस्ती में उठाया था।