देश में मानसून की धीमी गति ने कई इलाकों में लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में मानसून पहुंच चुका है लेकिन कई राज्य ऐसे राज्य हैं जिसे अभी भी इसका इंतजार है। दिल्ली समेत उतर भारत के कई इलाकों में इस बार मानसून कुछ ज्यादा ही रूठा नजर आ रहा है। दिल्ली में मानसून को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी दो बार गलत साबित हो चुकी है।
मौसम विभाग ने पहले 27 जून और फिर 8 जुलाई तक मानसून पहुंचने की बात कही थी। लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली और आसपास के इलाके में 11-12 जुलाई को मानसूनी बारिश हो सकती है। आपको बता दें कि पिछले दिनों यहां के लोगों को प्री-मानसून की बौछारों से ही संतोष होना पड़ा था।
एक आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में इस साल पिछले 15 सालों में सबसे देरी से मानसून पहुंचेगा। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक 2012 में 7 जुलाई और 2006 में 9 जुलाई को दिल्ली में मानसून ने दस्तक दिया था। वहीं 2002 में 19 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई थी। 26 जुलाई 1987 को दिल्ली में मानसून ने सबसे अधिक देरी से पहुंचा था।
मौसम विभाग के मुताबिक 10 जुलाई से अरब सागर से नम हवाएं गुजरात, राजस्थान और दिल्ली पहुंचने लगेंगी। वहीं 7 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने लगेंगी। जबकि 11-12 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र भी बनेगा, जिससे कमजोर पड़े मानसून को ताकत मिलेगी।
साथ ही मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में मध्यम बारिश के आसार हैं। वहीं महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर मध्यम से हल्की बारिश हो सकती है।