कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील से देश में जुलाई 2021 के दौरान ईंधन की मांग (Fuel Demand Hike) में वृद्धि दर्ज की गई. वहीं, पेट्रोल की खपत (Petrol Consumption) कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने जुलाई 2021 में 23.7 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की, जो पिछले साल के जुलाई महीने के मुकाबले 17 फीसदी अधिक है. वहीं, जुलाई 2019 में पेट्रोल की बिक्री 23.9 लाख टन रही थी. इसके अलावा देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन डीजल की बिक्री (Diesel Sales) जुलाई 2020 के मुकाबले 12.36 फीसदी बढ़कर 54.5 लाख टन रही. हालांकि, यह जुलाई 2019 के मुकाबले 10.9 फीसदी कम है. इससे साफ है कि देश में कारोबारी गतिविधियों में तेजी आ रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत हैं.
मार्च के बाद दूसरे महीने देश में बढ़ी ईंधन की मांग
मार्च 2021 के बाद यह दूसरा महीना है, जब देश में ईंधन की खपत बढ़ी है. ईंधन की मांग मार्च 2021 में सामान्य होने के करीब थी, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से ईंधन की बिक्री को झटका लगा था. कोविड के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन और प्रतिबंधों से मई में ईंधन की खपत पिछले साल अगस्त के बाद से सबसे कम हो गई थी. हालांकि, प्रतिबंधों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों के फिर रफ्तार पकड़ने से जून 2021 में ईंधन की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गई. भारत की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के चेयरमैन एसएम वैद्य ने 30 जुलाई 2021 को कहा कि पेट्रोल की मांग बढ़कर महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है.
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एलपीजी की मांग में 4.05 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
वैद्य ने उम्मीद जताई कि डीजल की मांग भी नवंबर 2021 में दीपावली के आसपास कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच जाएगी. हालांकि, ऐसा तभी हो जाएगा, जब महामारी की तीसरी लहर के दौरान अंकुश नहीं लगाए जाएं. आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की मांग सालाना आधार पर 4.05 फीसदी बढ़कर 23.6 लाख टन पर रही. यह जुलाई 2019 के मुकाबले 7.55 फीसदी अधिक है. वहीं, एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रा प्रतिबंधों के कारण अभी तक पूरी क्षमता के साथ परिचालन शुरू नहीं किया है. इससे सालाना आधार पर विमान ईंधन एटीएफ की मांग जुलाई 2021 में 29.5 फीसदी बढ़कर 2,91,100 टन पर रही. हालांकि यह जुलाई, 2019 के मुकाबले 53.1 फीसदी कम है.