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200 करोड़ की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर के मददगारों पर गिरी गाज! 23 डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट का ट्रांसफर

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देश की राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में करोड़पति कैदी सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) के द्वारा किए गए करोड़ों रुपये की खेल में जब गिरफ्तारी हुई तो जेल के कई अधिकारियों के नाम भी सामने आए. कहीं पर एक्शन लिया गया, कुछ को ईओडब्ल्यू के द्वारा गिरफ्तार किया गया, तो कुछ पर तिहाड़ जेल के डीजी ने कार्रवाई की है. अब उसी मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए और जेल में खेल से हो रही बदनामी को कम करने के लिए 23 डिप्टी सुपरिटेंडेंट अधिकारियों (23Deputy Superintendent Officers) का ट्रांसफर किया गया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 200 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में 5 सितंबर को सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) की पार्टनर एक्ट्रेस लीना मारिया पॉल (Leena Maria Paul) समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था.

इन 23 डिप्टी सुपरिटेंडेंट अधिकारियों एक जेल से दूसरी जेल या जेल मुख्यालय से दूसरे जेल में भेजा गया है. हालांकि एक तरफ कुछ ऑफिसर इसे रूटीन ट्रांसफर बता रहे हैं, तो कुछ ऑफिसर इसे सिर्फ आई वाश बता रहे हैं, जिससे मामला शांत हो जाये.

इन लोगों का हुआ ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार, डिप्टी सुपरिटेंडेंट अतुल शर्मा और जितेंद्र भार्गव को जेल नंबर 1 से ट्रांसफर करके जेल नंबर 11 और जेल नंबर 8/9 में भेजा गया है. जबकि सेंट्रल जेल नंबर 2 से प्रदीप शर्मा को जेल नंबर 13 में भेजा गया है. इसके अलावा जेल नंबर 3 से 3 डिप्टी सुपरिटेंडेंट को जेल नंबर 15, 12 और 14 में भेजा गया है. वहीं, सेंट्रल जेल नंबर चार से भी दो डिप्टी सुपरिटेंडेंट अशोक और राजेंद्र को जेल नंबर 13 और 10 में स्थानांतरण किया गया है. इसके अलावा सेंट्रल जेल नंबर छह की एक लेडी डिप्टी सुपरिटेंडेंट को जेल नंबर चार का सीपीआरओ बनाया गया है. डिप्टी सुपरिटेंडेंट किरण, संजीव, बच्चा मांझी, एससी बत्रा, महेंद्र सुंद्रियाल, ऋषि कुमार, शिवानंद, एस केजी मूर्ति, रमन, हंसराज सिंह, अजय भाटिया, संजय गुप्ता, राजेश आदि का भी ट्रांसफर अलग-अलग जेलों में किया गया है.

जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई इसलिए की गई है, ताकि लोगों को लगे जेल प्रशासन सख्त है, लेकिन यह सिर्फ दिखावे के लिए शायद की गई है. जबकि कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो बरसों से एक ही जगह पदस्थापित हैं. बताया जा रहा है कि आगे भी और तबादले किए जा सकते हैं. वहीं, जेल मुख्यालय के कुछ अधिकारी इसे रूटीन तबादला भी बता रहे हैं.

जानकारों का मानना है कि यह कार्रवाई इसलिए की गई है, ताकि लोगों को लगे जेल प्रशासन सख्त है, लेकिन यह सिर्फ दिखावे के लिए शायद की गई है. जबकि कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो बरसों से एक ही जगह पदस्थापित हैं. बताया जा रहा है कि आगे भी और तबादले किए जा सकते हैं. वहीं, जेल मुख्यालय के कुछ अधिकारी इसे रूटीन तबादला भी बता रहे हैं.