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डेंगू की रोकथाम को लेकर CM के निर्देश:भोपाल,जबलपुर और इंदौर में मरीज बढ़ रहे हैं, ध्यान दें कलेक्टर; MP के 7 जिलों में केस ज्यादा, जिला अस्पतालों में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार करें

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मध्यप्रदेश में कोरोना फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन डेंगू के मरीज लगतार बढ़ते जा रहा हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल, जबलपुर और इंदौर कलेक्टर को ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिला अस्पतालों में 10 बेड का आइसोलेनशन वार्ड तैयार करने का कहा है। प्रदेश के तीन महानगरों सहित मंदसौर, रतलाम, आगर मालवा और छिंदवाड़ा में डेंगू के साथ चिकनगुनिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग और जिलों के अफसरों के साथ वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में फीवर क्लिनिक का क्रियान्वयन तेजी से शुरू हो। इसकी नियमित समीक्षा की जाए। ओपीडी में शीघ्र परिक्षण एवं डेंगू की जांच के लिए सुविधा की मॉनिटरिंग लगातार की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट अनुसार ही डेंगू का उपचार उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टरों से कहा कि रैपिड रिस्‍पांस टीमों का गठन करें। इसके साथ ही अतिरिक्त दल गठित कर रैपिड फीवर सर्वे एवं वेक्टर कंट्रोल की व्यवस्था की जाए। मच्छर के लार्वा शून्य होने तक प्रभावित क्षेत्रों में एंटीलारवल गतिविधियां चलती रहें। लार्वा नियंत्रण के लिए टेमीफोस, बीटीआई जैसे एंटीलार्वल रसायन का उपयोग किया जाए।
उन्होंने नगर निगम और नगर पालिका के अफसरों को निर्देश दिए कि फॉगिंग एवं छिड़काव के लिए पर्याप्‍त मात्रा में कम्‍प्रेसर पंप और फॉगिंग मशीन का उपयोग किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में रसायन साइफेनोथ्रिन 5% द्वारा आउटडोर फॉगिंग लगातार होना चाहिए। कीटनाशक पायरेथर्म 2% द्वारा डेंगू पॉजिटिव रोगी के घर के आसपास 400 मीटर के क्षेत्र में स्थित 50 घरों में स्पेस स्प्रे का छिड़काव करना सुनिश्चित किया जाए।

17 सितंबर से वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने डेंगू की रोकथाम के अलावा वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा की। प्रदेश में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन के अवसर पर वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की जाएगी।

इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर 2021 तक प्रदेश में पात्र नागरिकों का पहला डोज पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जिलों में फर्स्ट डोज की पेंडेंसी और उनके द्वारा प्रति दिवस अधिकतम डोज लगाने की क्षमता के हिसाब से साप्ताहिक डोज लगाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।