केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 64 हजार करोड़ रुपये की ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ (Aatmanirbhar Swasth Bharat Yojana) को हरी झंडी दे दी है. इस योजना के तहत सभी जिलों और 3,382 ब्लॉकों में एकीकृत जन स्वास्थ्य लैब की स्थापना की जाएगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में इस योजना को लॉन्च करने का ऐलान किया था. पिछले साल आई कोरोना महामारी के बाद से ही देश के स्वास्थ्य ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिले जिसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य बजट 2.23 लाख कर दिया गया. जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 137 फीसदी की बढ़ोतरी थी.
‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के तहत 602 जिलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को दुरुस्त किया जाएगा. इसके अलावा देश भर में 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और 2 मोबाइल अस्पताल की स्थापना की जाएगी. साथ ही साथ सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार भी किया जाएगा.
‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के लिए 64,180 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए हैं. जिनका इस्तेमाल देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता को विकसित करने, नई बीमारियों का पता लगाने और उनके इलाज के लिए नए संस्थानों का निर्माण और विकास किया जाएगा. इसके साथ ही साथ इस योजना के जरिए देश के 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को मदद पहुंचाई जाएगी. साथ ही साथ देश के 602 जिलों में क्रिटिकल केयर अस्पताल खोले जाएंगे. आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को भी मजबूत किया जाएगा. साथ ही पब्लिक हेल्थ लैब्स को जोड़ने के लिए इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेश पोर्टल खोले जाएंगे.
इस योजना का उद्देश्य
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत प्राथमिक, माध्यमिक, तृतीयक स्तर के स्वास्थ्य के ढांचे और मौजूदा राष्ट्रीय संस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा. इसके अलावा इस योजना के जरिए नई और भविष्य में सामने आ सकने वाली बीमारियों की पहचान करने और उनका इलाज करने के लिए नई संस्था निर्मित की जाएगी