पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए तालिबान की जमकर तरफदारी. उन्होंने वर्ल्ड कम्युनिटी से तालिबान सरकार को मजबूत करने की अपील की ताकि अफगानिस्तान में शांति स्थापित की जा सकें. उन्होंने तालिबान की वकालत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति से जुड़ा एक फैक्ट भी बताया. उन्होंने कहा कि 1983 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने तालिबानी मुजाहिदों की तुलना अमेरिका के फाउंडिंग फादर्स से की थी. इमरान का ये बयान दुनिया के गले नहीं उतर रहा है और उन पर झूठ बाेलने के आरोप लग रहे हैं. PML-N उपाध्यक्ष मरयम नवाज ने भी कहा कि इमरान का भाषण लिखने वाले को नहीं, खुद इमरान को नौकरी से निकाल देना चाहिए.
क्या कहा था इमरान खान ने
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान में ‘अवैध कब्जे’ के खिलाफ 1980 के दशक में चल रही लड़ाई में पाकिस्तान आगे था और अमेरिका के साथ मिलकर मुजाहिदीन समूहों को ट्रेन कर रहा था. आजादी की लड़ाई लड़ रहे इन लड़ाकों को हीरो माना जाता था और तत्कालीन राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें 1983 में वाइट हाउस बुलाया था. रीगन ने इन मुजाहिदीन फाइटर्स की तुलना अमेरिका की नींव रखने वाले लीडर्स से की थी.