प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को रैगांव विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी कल्पना वर्मा के समर्थन में सिंहपुर में जनसभा को संबोधित किया. कमलनाथ ने कहा कि यह चुनाव ऐसे समय पर हो रहे हैं जब शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार में नंबर वन बना दिया है, महंगाई में नंबर वन बना दिया है, बेरोजगारी में नंबर वन बना दिया है. महिला-दलित और आदिवासियों पर अत्याचार में नंबर वन बना दिया है. उन्होंने कहा कि महंगाई अपने चरम पर है. पेट्रोल 115 रुपये, डीजल 105 लीटर है, गैस का सिलेंडर 1000 रुपये का हो चुका है और बिजली की कीमतों के बारे में तो कुछ ना ही कहा जाए तो बेहतर है.
कमलनाथ ने कहा “शिवराज सरकार में नौजवान के पास काम नहीं, किसान के पास दाम नहीं, व्यापारी के पास व्यापार नहीं हैं. भाजपा के 15 साल के कुशासन से त्रस्त होकर जनता ने 2018 में कांग्रेस की सरकार बनाई थी. लेकिन बीजेपी ने जनादेश को धोखा दिया और सौदेबाजी की सरकार बनाई. मैं मुख्यमंत्री था, चाहता तो मैं भी सौदेबाजी कर सकता था और आज भी मुख्यमंत्री बना रहता लेकिन मैं नहीं चाहता था कि मध्यप्रदेश की पहचान सौदेबाजी से हो.”
कमलनाथ ने कहा, “मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश की पहचान माफिया से थी. मैं पूछता हूं कि अगर मैंने माफिया को प्रदेश से निकाला, अगर मैंने शुद्ध के लिए युद्ध छेड़ा, अगर मैंने 1000 गोशाला खुलवाईं, अगर मैंने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किया तो मैंने क्या गुनाह किया. बीजेपी सरकार न किसान का भला चाहती है, न नौजवान का भला चाहती है. शिवराज सिंह चौहान की सरकार में सिर्फ पैसा दो, काम लो की नीति पर काम हो रहा है. शिवराज सिंह चौहान जब यहां आपके पास आएं तो उनसे पूछिएगा कि कोई नया झूठ नहीं बोलें और पहले जो वादे किए थे, उनका हिसाब दें.”
पूर्व सीएम ने आगे कहा, “रैगांव विधानसभा में ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं, किसानों को खाद और बीज नहीं मिल रहा है, बिजली नहीं आ रही है, लेकिन बिजली के बड़े-बड़े बिल आ रहे हैं. शिवराज सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है. मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था 75 प्रतिशत कृषि पर ही निर्भर है. मैंने मुख्यमंत्री बनते ही सतना जिले में ही अकेले 45700 किसानों का कर्ज माफ किया था. पूरे प्रदेश में हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था.”
कमलनाथ ने कहा, “मैं कृषि में क्रांति लाना चाहता था ताकि हमारे किसान को आसानी से बीज मिले, आसानी से खाद मिले, सस्ती बिजली मिले और बड़ी-बड़ी परियोजनाए आयें ताकि नौजवानों को रोजगार मिले. लेकिन आज स्थिति यह है कि प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में किसान खाद के लिए मारे मारे फिर रहे हैं. इसके पहले किसान बीज के लिए परेशान हुए. बिन मौसम बरसात से किसानों की फसल खराब हो रही है, लेकिन शिवराज जी हवाहवाई बातें करते हैं उन्हें किसानों का दर्द नहीं दिखाई दे रहा है.”