कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच अमेरिका (US) जाने का प्लान बना रहे लोगों के लिए सोमवार को एक राहत भरी खबर आई. व्हाइट हाउस (White House)की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 8 नवंबर के बाद उन सभी विदेशी नागरिकों को अमेरिका आने की मंजूरी मिलेगी, जो फुली वैक्सीनेटेड (Fully Vaccinated) हैं, यानी जिन्होंने मान्यता प्राप्त वैक्सीन के दोनों डोज लिए हैं. राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने संबंधित ऑर्डर पर साइन कर दिए हैं. व्हाइट हाउस के बयान के मुताबिक, बच्चों को फिलहाल वैक्सीन की डोज लेने की जरूरत नहीं है.
न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के मुताबिक, अमेरिका का यह फैसला लाखों लोगों को राहत देगा. जनवरी 2020 में चीन से आने वाले यात्रियों के साथ पाबंदियों की शुरुआत हुई थी. कुल मिलाकर करीब 21 महीने यह प्रतिबंध जारी रहे. उस दौरान डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति थे और चीन के साथ ही उन्होंने कई देशों के लोगों के अमेरिका में आने पर पाबंदी लगा दी थी.
दिखाना होगा एक दिन पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट
कोरोना वायरस से अमेरिका की हालत दुनिया में सबसे दयनीय हो गई थी, महामारी के चलते वहां 7 लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच अपने नागरिकों का तेजी से टीकाकरण करने के बाद अब बाइडन सरकार ने दुनिया के लिए भी यूएस के दरवाजे खोल दिए हैं. गाइडलाइन के मुताबिक अमेरिका से बाहर रह रहे अपने नागरिकों को सूचित करते हुए बाइडन सरकार ने कहा कि अगर उन्होंने वैक्सीन की डोज नहीं ली है और देश वापस आना चाहते हैं तो यात्रा से एक दिन पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना होगा.
वैक्सीन ले चुके अमेरिकियों को यात्रा से तीन दिन पहले कोविड टेस्ट कराना होगा. उन्हें फ्लाइट में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी दिखानी होगी. विदेशी नागरिकों के लिए सितंबर में ही प्रशासन की ओर से निर्देश दिए गए थे. इसके अनुसार अमेरिका आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का पूरी तरह वैक्सीनेटेड होना जरूरी है. वहीं, जिन देशों में 10 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लगी है, वहां से आने वालों को कारण बताना होगा कि उनका अमेरिका आना जरूरी क्यों है.
बच्चों को अभी वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं
व्हाइट हाउस ने साफ किया कि फिलहाल यात्रा के लिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है. जिन देशों में 10 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लगी है, वहां से अमेरिका आने वालों को 60 दिन के अंदर वैक्सीन लगानी होगी. इन देशों में नाइजीरिया, इजिप्ट, अल्जीरिया, अर्मानियास म्यांमार, इराक, निकारागुआ, सेनिगल, युगांडा, लीबिया, इथियोपिया, जांबिया, कांगो, यमन, हैती, चाड और मेडागास्कर है.