त्रिपुरा (Tripura) स्थानीय निकाय चुनाव में विपक्ष की गैरमौजूदगी का भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ा फायदा मिला है. पार्टी ने 20 में से 7 निकायों पर निर्विरोध जीत दर्ज की है. खास बात है कि 7 सीटों पर विपक्षी दलों की तरफ से उम्मीदवार ही नहीं उतारे गए थे. इन 7 निकायों के अलावा 13 और निकायों पर इस महीने चुनाव होने हैं. बीजेपी ने सभी 20 शहरी निकायों पर 336 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. चुनाव की तारीख 25 नवंबर तय की गई है.
विपक्ष ने धलई जिले के कमालपुर नगर पंचायत, पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरनिया नगर पंचायत, पश्चिम त्रिपुरा के रानिरबाजार नगर पंचायत, पश्चिम त्रिपुरा में मोहनपुर नगर परिषद, विशालगढ़ नगर परिषद, उदयपुर नगर परिषद, संतिरबाजार नगर परिषद में उम्मीदवार नहीं उतारे थे. वहीं, इससे उलट भाजपा के उम्मीदवारों की संख्या सीटों की कुल संख्या (334) से भी ज्यादा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी सूत्रों का कहना है कि दो उम्मीदवार जल्द ही नामांकन वापस ले लेंगे.
अन्य पार्टियों की क्या है स्थिति
राज्य के प्रमुख विपक्षी दल सीपीएम ने 214 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि, सीपीआई 6 और आरएसपी 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 125 सीटों और कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि चुनाव में कुल 829 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें अगरतला नगर निगम के 212 उम्मीदवार और 13 उम्मीदवार निर्दलीय हैं.
चुनाव में हिंसा का जिक्र
चुनावी मैदान में उतरे कई दल भाजपा पर हिंसा फैलाने के आरोप लगा रहे हैं. त्रिपुरा में टीएमसी के नेता सुबल भौमिक ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग से अपील के बाद भी विपक्ष के नेताओं को सुरक्षा नहीं दी गई. आरोप लगाए जा रहे हैं कि सीटों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से की गई हिंसा के चलते पर्चे दाखिल नहीं किए जा सके. भौमिक ने पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए हैं.