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संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से, इन मुद्दों के साथ मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रही कांग्रेस.

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संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter session) 29 नवंबर से शुरु हो सकता है,पिछली बार की तरह इस बार भी सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. कांग्रेस (Congress) सरकार को सदन में घेरने की रणनीति भी बना रही है, कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती सभी विपक्षी दलों को एकजुट रखने की है.

पिछले सत्र के दौरान पेगासस के मसले पर विपक्षी एकता देखने को मिली थी. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुश्किल होगी तृणमूल कांग्रेस को अपने पाले में रखना. संसद के आगमी शीतकालीन सत्र के मसले पर न्यूज 18 से खास बातचीत में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि उनकी कोशिश होगी कि समान विचारधारा वाली सभी पार्टी एकजुट रहे और देश हित के मसले पर साथ आए.

मुद्दों को लेकर सोनिया गांधी से हुई बातचीत
वहीं संसद सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे पर खड़गे ने बोला की ‘महंगाई के साथ-साथ 15-16 ज्वलंत मुद्दे होंगे जो हम संसद के शीत कालीन सत्र में उठाएंगे. कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई थी बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई की कौन-कौन से मुद्दे उठाए जाए इसमें महंगाई, पेगासस, बेरोजगारी, चीन का मुद्दा, कॉविड का भी मसला है.

विपक्षी एकता के मसले पर नेता विपक्ष ने बताया की “पिछले सेशन में हम सभी लोग मिलकर लड़े थे जिसकी वजह से सेशन नही चला. पेगासस वाले मामले पर सब एकजुट थे. सरकार अड़ी हुई थी, लेकिन हमने भी यह ठान लिया था कि हम मिलकर मुद्दे पर लड़ेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा समान विचारधारा वाली पार्टी आगे साथ मिलकर लड़ेंगे और जहां तक

टीएमसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के साथ हमारे विचार राज्य में अलग हो सकते हैं लड़ाई के मुद्दे भी अलग हो सकते हैं लेकिन जब देश हित की बात आए तो हम सभी को साथ मिलकर लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अगले सेशन के लिए हम सब मिलकर फैसला करेंगे कि कौन कौन से मुद्दे हो सकते हैं जिन पर सरकार को घेरा जा सकता है. उन्होंने दोहराया कि सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लड़ाई लड़नी चाहिए.