इस साल अप्रैल-मई में देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस महामारी (Black Fungus Pandemic) का प्रकोप भी देखने को मिला था. कोविड-19 से रिकवर हुए कुछ लोगों को ब्लैक फंगस की शिकायत हुई थी. अब यह बीमारी डेंगू बुखार (Dengue Fever) से स्वस्थ हुए मरीज में भी देखने को मिली है.
नई दिल्ली में 49 वर्षीय एक व्यक्ति को ब्लैक फंगस की शिकायत के बाद इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल (Indraprastha Apollo Hospital) में भर्ती कराया गया है. ग्रेटर नोएडा के रहने वाले मोहम्मद तालिब, 15 दिन के बाद डेंगू बुखार से स्वस्थ हुए थे, लेकिन अचानक उन्हें एक आंख से दिखाई देना बंद हो गया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
‘ब्लैक फंगस एक खतरनाक संक्रमण’
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर ENT डॉक्टर सुरेश सिंह नरुका ने कहा कि, यह ब्लैक फंगस का एक दुर्लभ मामला है जो कि डेंगू बुखार से ठीक होने के बाद सामने आया है. सामान्यतः ब्लैक फंगस तब ही होता है जिन लोगों डायबिटीज, कमजोर इम्युनिटी और अन्य प्रकार के संक्रमण से पूर्व में पीड़ित रहे हों.
डॉ नरुका ने कहा कि ब्लैक फंगस एक खतरनाक संक्रमण है. यह संक्रमण बहुत तेजी से नाक, आंख और मस्तिष्क के टिश्यू में फैलता है. इस महामारी में किसी भी प्रकार की देरी घातक साबित हो सकती है और लंबे समय तक इसका प्रभाव देखने को मिलता है.
‘ब्लैक फंगस में मरीज अपनी आंख भी खो सकता है’
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ ENT डॉक्टर अतुल आहूजा ने कहा कि वह मरीज जो कि डेंगू से अभी रिकवर हुआ है और अब ब्लैक फंगस से पीड़ित हो गया है, उन्हें बेहतर और प्रभावी इलाज की जरुरत है. ब्लैक फंगस में मरीज अपनी आंख भी खो सकता है और संक्रमण को तेजी से रोकने के लिए आंख भी निकालनी पड़ सकती है ताकि संक्रमण शरीर के अन्य अंगों पर न फैल सके.