चीन और ताइवान के बीच चली रही तनातनी के बीच ताइवान ने चीन से टक्कर लेने की तैयारी शुरू कर दी है। ताइवान ने अमेरिकी फाइटर प्लेन F-16 को अपने पहले कॉम्बेट विंग के बेड़े में शामिल कर लिया है। चीन, ताइवान के एयर स्पेस में लगातार अपने लड़ाकू विमान भेजता रहा है। अक्टूबर में चीन ने ताइवान की वायु सीमा पर करीब 200 लड़ाकू विमान उड़ाए थे।
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने अमेरिका से मिल रहे सहयोग के लिए उसका शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि F-16S और F-16V के बेड़े में शामिल होने से ताइवान की एयरफोर्स की ताकत बढ़ गई है। यह प्रोजेक्ट अमेरिका और ताइवान के संबंधों की गहराई को बताता है।
त्साई इंग वेन ने आगे कहा कि हम लोकतंत्र और आजादी के मूल्यों का पालन करते हैं। ऐसे देश हमारे साथ खड़े हैं, जो समान विचारधारा का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बेड़े में जैसे-जैसे F-16 लड़ाकू विमान बढ़ते जाएंगे। ताइवान की सुरक्षा और मजबूत होती जाएगी।
पुराने प्लेन अपग्रेड कर रहा ताइवान
ताइवान अपने पुराने F-16 कैटेगरी के प्लेन्स को अपग्रेड कर रहा है। उनके पास F-16A/B फाइटर प्लेन हैं, जिन्हें F-16V टाइप में अपग्रेड किया जा रहा है। अब तक 64 फाइटर जेट अपग्रेड किए जा चुके हैं। ताइवान ने 66 नए F-16V का ऑर्डर भी दिया है। इनमें एवियोनिक्स, हथियार और बेहतर रडार सिस्टम हैं।
पुराने प्लेन अपग्रेड कर रहा ताइवान
ताइवान अपने पुराने F-16 कैटेगरी के प्लेन्स को अपग्रेड कर रहा है। उनके पास F-16A/B फाइटर प्लेन हैं, जिन्हें F-16V टाइप में अपग्रेड किया जा रहा है। अब तक 64 फाइटर जेट अपग्रेड किए जा चुके हैं। ताइवान ने 66 नए F-16V का ऑर्डर भी दिया है। इनमें एवियोनिक्स, हथियार और बेहतर रडार सिस्टम हैं।
चीन की धमकियों से परेशान है ताइवान
ताइवान पर कब्जा कर चीन उसे अपने देश में मिलाना चाहता है। इसे रोकने में अमेरिका, ताइवान की मदद कर रहा है। दोनों देशों में राजनायिक संबंध न होने के बाद भी अमेरिका लगातार ताइवान के पक्ष में खुलकर बयानबाजी करता आया है। अमेरिका ताइवान को हथियार भी सप्लाई कर रहा है। कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि वे ताइवान की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं।