एक बड़ी खुशखबरी यह है कि यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर इस साल कम हादसे हुए हैं. मौतों का आंकड़ा भी कम हो गया है. बीते 5 साल की बात करें तो उसके मुकाबले 50 फीसद से भी कम हादसे हुए हैं. हादसे कम होने के पीछे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पहल पर दी गई आईआईटी, दिल्ली (IIT Delhi) और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) की एक रिपोर्ट है. पहले की बात करें तो शुरू होने के बाद से ही 2.5 घंटे का यमुना एक्सप्रेसवे का सफर जिंदगी पर भारी पड़ रहा था. एक साल में ही एक हजार से ज्यादा एक्सीडेंट (Accident) हो रहे थे. मौत का आंकड़ा भी 140 को पार कर गया था.
2021 में यमुना एक्सप्रेसवे पर कम हुए हादसे
जानकारों की मानें तो 2021 में नवंबर तक यमुना एक्सप्रेसवे पर कुल 389 हादसे हुए हैं. जबकि इन हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 123 है. सीआरआरआई और आईआईटी, दिल्ली की रिपोर्ट के बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों और मौतों का यह सबसे कम आंकड़ा है. जबकि 2015 में एक्सप्रेसवे पर हुए 919 हादसों में 143 लोगों की जान चली गई थी.