उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ‘ओमिक्रॉन’ को काबू करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसके तहत छात्रों और विद्यालयों को सुरक्षा संबंधी कई निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों के अनुसार, छात्रों को माता-पिता की सहमति के बगैर बच्चों को विद्यालय में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी. वहीं, स्कूलों से छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है. दिल्ली में भी सरकार ने ओमिक्रॉन (Omicron) की स्थिति के मद्देनजर ‘यलो अलर्ट’ जारी कर दिया है. नोएडा, गाजियाबाद समेत सभी जिलों के अधिकारी अपने क्षेत्रों में कोविड नियमों की निगरानी करेंगे.
माध्यमिक शिक्षा में अतिरिक्त मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक, किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा. आदेश में शुक्ला ने स्कूलों को परिसर में सैनिटाइजेशन और फिजिकल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए कहा है. आदेश में कहा गया है कि छात्रों को सुबर प्रार्थना और अन्य गतिविधियों के दौरान दूरी बनानी होगी. वहीं, कक्षाओं में छात्रों को 6 फीट की दूरी रखना जरूरी है. स्कूल बसों को दिन में दो बार सैनिटाइज किया जाएगा.
सरकार की तरफ से जारी किए गए नए SOP में छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग, स्कूलों का सैनिटाइजेशन और बुजुर्ग शिक्षकों की खास निगरानी शामिल है. गौतम बुद्ध नगर के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स (DIOS) धरमवीर सिंह ने नए आदेशों को लेकर सभी निजी और सरकारी स्कूलों को आदेश जारी कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में माध्यमिक कक्षाएं 16 अगस्त औऱ प्राइमरी क्लासेज 1 सितंबर से शुरू हुईं थी.
छात्रों को उनकी पैरेंट्स की अनुमति के बाद ही स्कूल में प्रवेश मिले गा. वहीं, स्कूलों को भी छात्र के लिए कक्षाएं शुरू करने से पहले माता-पिता से सहमति हासिल करनी होगी. जो बच्चे फिजिकल क्लास में शामिल नहीं होना चाहते, उनके लिए स्कूल को ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था करनी होगी. स्कूल के बुजुर्ग कर्मचारियों के लिए भी अलग से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. शुक्ला ने आदेश दिए हैं बुजुर्ग, गर्भवती और बीमार कर्मचारियों को बच्चों के साथ सीधे संपर्क में आने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं करें.