गणतंत्र दिवस की परेड (Republic Day Parade:) इस बार आधा घंटे की देरी से शुरू होगी. इस बात की जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी है. उन्होंने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) भी इसका एक कारण है. खास बात है कि 75 सालों में ऐसा पहली बार होगा, जब गणतंत्र दिवस की परेड इतनी देरी से शुरू होगी. इसके अलावा भी परेड स्थल पर सुरक्षा संबंधी कई उपाय किए गए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने बताया कि हर साल गणतंत्र दिवस की परेड सुबह 10 बजे शुरू होती थी, लेकिन इस साल यह 10.30 बजे शुरू होगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियां के चलते यह समय आगे बढ़ा है. इसके अलावा परेड से पहले जम्मू-कश्मीर में जान गंवाने वाले सुरक्षाबलों के जवानों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘बीते साल की तरह ही परेड समारोह 90 मिनट लंबा होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे. बाद में दल मार्च पास्ट करेंगे. परेड के दौरान सांस्कृतिक, सामाजिक औऱ आर्थिक प्रगति दिखाती हुई झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा.’ अधिकारी ने बताया कि झांकियां लाल किले तक जाएंगी और जनता के देखने के लिए वहीं पर रखी जाएंगी. दल नेशनल स्टेडियम तक मार्च करेंगे.
उन्होंने जानकारी दी कि कोविड-19 की पाबंदियों के कारण गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को किसी से मिलने की अनुमति नहीं होगी. वे सैनिटाइज्ड गाड़ियों में यात्रा करेंगे और संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें आइसोलेट किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले जम्मू औऱ कश्मीर पुलिस के सुरक्षा जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.’
कोविड-19 वैश्विक महामारी संबंधी हालात के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान करीब 24,000 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति दी जाएगी. रक्षा प्रतिष्ठान में सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि देश में वैश्विक महामारी की मार पड़ने से पहले 2020 में करीब 1.25 लाख लोगों को परेड के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति थी.
उन्होंने बताया कि पिछले साल कोविड-19 के प्रकोप के बीच गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया गया था और करीब 25,000 लोगों को इस दौरान उपस्थित रहने की अनुमति थी. सूत्रों ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी वैश्विक महामारी के कारण मुख्य अतिथि के रूप में विदेश से किसी गणमान्य व्यक्ति को संभवत: आमंत्रित नहीं किया जाएगा. भारत उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य और ताजिकिस्तान के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है.