चीन ने सोमवार को एक नए हाइपरसोनिक इंजन (Hypersonic Engine) को टेस्ट किया है. दावा किया जा रहा है कि परीक्षण उड़ान के दौरान इंजन ने सभी पैमानों को पूरा किया है. इस इंजन के जरिए चीन डीएफ-17 जैसी दूसरी हाइपरसोनिक मिसाइल (Missile) बना सकता है. 11 मीटर लंबी चीन की डीएफ-17 मिसाइल 1800 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है.
चीन भविष्य में इस इंजन की मदद से हाइपरसोनिक विमान और पृथ्वी की निचली कक्षा में जाने वाला प्लेन भी बना सकता है. अगर चीन नई हाइपरसोनिक मिसाइल बनाता है तो इससे भारत, अमेरिका समेत पूरी दुनिया को खतरा बढ़ जाएगा.
दो स्टेज के रॉकेट बूस्टर का किया गया इस्तेमाल
चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) ने बताया कि इस हाइपरसोनिक इंजन को सिंघुआ विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के तहत आने वाले लेबोरेटरी ऑफ स्प्रे कम्बश्चन एंड प्रपल्शन ने विकसित किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोमवार को इस इंजन ने सफलतापूर्वक पहले उड़ान परीक्षण को पूरा किया है. टेस्ट फ्लाइट में सहायता के लिए दो स्टेज वाले रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल किया गया.
उड़ान के दूसरे स्टेज में इंजन पूर्व निर्धारित ऊंचाई और स्पीड पर पहुंचा. इस दौरान इंजन का एयर इनलेट काम करने लगा और स्प्रे टेक्नोलॉजी से इंजन के कम्बश्चन चेंबर में जेट ईंधन की आपूर्ति भी शुरू हो गई.
वैज्ञानिक बोले- टेस्ट सफल, बहुत डेटा मिले
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेस्ट फ्लाइट के दौरान दूसरे स्टेज का रॉकेट बूस्टर हाइपरसोनिक इंजन से अलग नहीं हुआ. इसमें लगे पैराशूट की मदद से हाइपरसोनिक इंजन को एक रेगिस्तानी इलाके में सुरक्षित रूप से उतारा गया. इससे हाइपरसोनिक इंजन का इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता है. चीनी वैज्ञानिकों ने कहा कि इस टेस्ट फ्लाइट से हाइपरसोनिक इंजन को विकसित करने से जुड़े कई महत्वपूर्ण डेटा मिले हैं. इस डेटा के जरिए हाइपरसोनिक इंजनों के कम्बश्चन चेंबर को और ज्यादा प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी.