किसानों ने एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेताओं ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र के साथ हुई सहमति से लेकर लखीमपुर खीरी तक का मुद्दा उठाया. इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ हमारी 5 मुद्दों पर सहमति बनी थी, एमएसपी को लेकर सरकार ने कमेटी बनाने की बात भी कही थी लेकिन केंद्र ने अपना एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं किया है. वहीं लखीमपुर मामले पर किसान नेता खफा दिखे और कहा कि मामला अभी तक पेंडिंग ही पड़ा है. अजय मिश्र टेनी अभी भी आराम से घूम रहा है. आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव पर कहा कि किसान नेता अपनी बातों को पत्र के माध्यम से जनता तक पहुंचाएंगे. चुनावों के लिए जो किसानों ने पार्टी बनाई थी उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है.
बजट में तो हमारा हिस्सा ही कम किया
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्रीय बजट को देखने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा इसे बदले की भावना के तहत बनाया गया देखता है. सरकार 6 साल से कह रही थी कि किसानों की आय को दोगुना करेंगे लेकिन किसानों की आय संबंधी कोई बात नहीं हुई. वहीं एमएसपी को लेकर भी वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान झूठ बोला. केंद्रीय बजट में तो किसानों का हिस्सा ही कम कर दिया गया.
देश भर में उठा रहे हैं आवाज
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम देश भर के किसानों के लिए आवाज उठा रहे हैं. फिलहाल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जा रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, सभी को पर्चा दे रहे हैं. टिकैत ने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि जब नेता वोट मांगने आएं तो उनसे सवाल पूछें. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी भी किसानों को 11 महीने बाद गन्ने का भुगतान हो रहा है. मजबूरी में उत्तर प्रदेश का किसान उत्तराखंड में अपने गन्ने को भेज रहा है. उत्तर प्रदेश में हमने 8 से 10 बड़े कार्यक्रम रखे हैं.
किसानों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जारी किया गया पर्चा.
क्या लिखा टिकैत ने पत्र में
पत्र में टिकैत ने लिखा कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, साथ ही उन्होंने लखीमपुर खीरी कांड का भी जिक्र किया और उससे संबंधित वीडियो का भी. आगामी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि अब सरकार को सब सिखाने की जरूरत है और बाकि आप लोग सभी समझदार हैं. इस पत्र में उन्होंने बिजली से लेकर गन्ना खरीद और किसानों के अन्य मुद्दों का भी जिक्र किया.