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महंगाई की मार -केक-चॉकलेट से लेकर साबुन और शैम्‍पू तक के बढ़ सकते हैं दाम

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 इंडोनेशिया ने अपने डोमेस्टिक मार्केट को बचाने के लिए पाम तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका सबसे ज्‍यादा असर भारत को झेलना पड़ेगा, क्‍योंकि हम अपनी कुल जरूरत का करीब 60 फीसदी खाने का तेल आयात करते हैं.

पाम तेल महंगा होने से सिर्फ खाने के तेल की कीमतों पर ही असर नहीं पड़ेगा, बल्कि जिन उत्‍पादों में इसका इस्‍तेमाल होता है उनकी कीमतें बढ़ने का भी खतरा पैदा हो गया है. एक्‍सपर्ट की मानें तो महंगे पाम तेल का असर ब्रेड पर लगाने वाले स्‍प्रेड से लेकर केक-चॉकलेट, साबुन और शैम्‍पू सहित दर्जनों उत्‍पादों पर दिखेगा और यूनीलिवर, प्रॉक्‍टर एंड गैंबल, नेस्‍ले जैसी कंपनियां पाम के दाम बढ़ने से दबाव में आ सकती हैं.

इंडोनेशिया पूरी दुनिया के पाम आयात का करीब 50 फीसदी निर्यात करता है, जिसका इस्‍तेमाल तमाम उत्‍पादों में किया जाता है. एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियां भी बड़ी मात्रा में इस तेल का इस्‍तेमाल करती हैं. हम आपको बता रहे हैं कि कौन सी कंपनी पाम तेल का कितना इस्‍तेमाल कर रही है.

यून‍ीलिवर करती है सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल
एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्‍गज कंपनी यूनीलिवर ने साल 2016 में बताया था कि वह करीब 10 लाख टन कच्‍चे पाम तेल का इस्‍तेमाल हर साल अपने उत्‍पादों में करती है. इसके अलावा 5 लाख टन गिरी का तेल भी अपने उत्‍पादों में इस्‍तेमाल करती है. यह कंपनी साबुन, शैम्‍पू, क्रीम, फेसवॉश सहित दर्जनों कॉस्‍मेटिक उत्‍पाद भी बनाती है. जाहिर है कि पाम तेल के दाम बढ़ने का असर कंपनी के इन उत्‍पादों पर भी दिखेगा.

चॉकलेट में पाम तेल मिलाती है नेस्‍ले
नेस्‍ले के चॉकलेट देश में खूब बिकते हैं. किटकैट चॉकलेट बनाने वाली इस कंपनी ने साल 2020 में 4,53,000 टन पाम तेल और गिरी का तेल खरीदा था. इसमें से ज्‍यादातर का आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से हुआ था. इस कंपनी के 21 देशों में 88 से ज्‍यादा सप्‍लायर हैं, जो 1,600 मिलों से पाम तेल की सप्‍लाई करते हैं.

प्रॉक्‍टर एंड गैंबल के ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट में पाम तेल
ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट बनाने के क्षेत्र में प्रॉक्‍टर एंड गैंबल (पीएंडजी) का बड़ा नाम है. कंपनी की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में 6.05 लाख टन पाम और गिरी तेल का इस्‍तेमाल किया था. इसमें से ज्‍यादातर इस्‍तेमाल होम केयर और ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट में किया गया था. यह कंपनी ग्‍लोबल उत्‍पादन का 0.8 फीसदी पाम तेल खरीदती है, जिसमें से 70 फीसदी का आयात मलेशिया और इंडोनेशिया से होता है.

लॉरियल भी करती है पाम तेल का इस्‍तेमाल
भारतीय महिलाओं के बीच कॉस्‍मेटिक और ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट के रूप में लॉरियल एक बड़ा और विश्‍वसनीय नाम है. यह कंपनी अपने उत्‍पादों में भी पाम तेल का इस्‍तेमाल करती है. लॉरियल ने 2021 में अपने उत्‍पादों में 310 टन पाम तेल का इस्‍तेमाल किया, जबकि 71 हजार टन पाम डेरिवेटिव का इस्‍तेमाल किया गया.

इसके अलावा ओरियो कुकीज बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल ने भी बड़ी मात्रा में पाम तेल खरीदने की बात कही है. यह कंपनी ग्‍लोबल उत्‍पादन का 0.5 फीसदी पाम तेल अपने उत्‍पादों में इस्‍तेमाल किए जाने की जानकारी देती है.