कोविड-19 वैक्सीन कोर्बेवैक्स (Corbevax) को 18 साल और उससे अधिक आयु वाले लोगों के बूस्टर डोज के लिए मंजूरी दे दी गई है. वैक्सीन का निर्माण करने वाली बायोलॉजिकल ई ने इसकी जानकारी दी. इससे पहले ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अप्रैल के आखिरी में 5 से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स की इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति दी थी.
इस साल मार्च में जब भारत में 12 से 14 वर्ष के आयु के बच्चों के वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी, उस समय कोर्बेवैक्स वैक्सीन का उपयोग किया गया था. सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसकी कीमत 145 रुपए तय की गई.
बायोलॉजिकल ई ने कोर्बेवैक्स के निर्माण में टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के साथ गठबंधन किया था. बायोलॉजिकल इवांस ने कहा, तीसरे चरण के मानव परीक्षणों में कोर्बेवैक्स ने कोरोना के डेल्टा संस्करण के खिलाफ कोविशील्ड की तुलना में बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का प्रदर्शन किया. कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ इसका असर 80 प्रतिशत से अधिक पाया गया.
कोर्बेवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है. इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है. कोर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल खुराक) और 5 मिलीलीटर (दस खुराक) की शीशी में उपलब्ध है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है.
बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब वेरिएंट्स BA.4 और BA.5 के कारण देश के कुछ इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसकी रोकथाम के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है. ताकि कोरोना के नए वेरिएंट्स के खिलाफ ज्यादा बेहतर इम्युनिटी मिल सके.