एयर इंडिया की हवाई सेवा देने वाली कंपनी टाटा के हाथ जाने के बाद एक और सरकारी कंपनी का जल्द निजीकरण हो जाएगा. यह कंपनी एयर इंडिया की ही सब्सिडियरी है और इंजीनियरिंग सेक्टर का कामकाज संभालती है.
सरकार इस कंपनी की नीलामी करने की योजना बना रही है. इससे अलावा एयर इंडिया की एक और कंपनी है जिसका निजीकरण किया जाएगा.
सरकार ने एयर इंडिया की इंजीनियरिंग सब्सिडियरी कंपनी एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड को बेचने की पूरी तैयारी कर चुकी है. बोली मंगाने की प्रक्रिया भी जनवरी-फरवरी महीने में शुरू करने की तैयारी है. इसके अलावा एयर इंडिया की एक और कंपनी एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज के निजीकरण पर भी विचार किया जा रहा है. हालांकि, इसमें अभी समय लग सकता है. इंजीनियरिंग सर्विसेज वाली कंपनी बेचे जाने के बाद इसके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए
खरीदने वाले के लिए रखी ये बड़ी शर्त
सरकार ने इस कंपनी को बेचने के लिए नीलामी में एक बड़ी शर्त भी रखी है. इसके तहत जो भी खरीदार बोली लगाने के लिए आगे आएगा, उसकी 51 फीसदी हिस्सेदारी किसी भारतीय के पास होनी चाहिए. इसका मतलब हुआ कि इस सौदेबाजी में कोई विदेशी मूल का व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेगा. सरकार की मंशा है कि कंपनी का निजीकरण होने के बावजूद इसका स्वामित्व किसी भारतीय के पास ही रहे, इसीलिए उसने नीलामी में यह शर्त रखी है.
जल्द होगी बोली की शुरुआत
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया की इस इंजीनियरिंग कंपनी को बेचने के लिए जल्द बोली प्रकिया शुरू हो जाएगी. अनुमान है कि इस सरकार जनवरी-फरवरी तक इस दिशा में ठोस कदम उठा लेगी. बोलियों के लिए सरकार की ओर से इनवाइट भेजा जाएगा. इस कंपनी की नीलामी पूरी होने के बाद एयर इंडिया की एयरपोर्ट सर्विस से जुड़ी एक और कंपनी के निजीकरण की तैयारियां शुरू ….