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 ऐसा लग रहा था बिल्डिंग गिर जाएगी, सभी दहशत में बाहर आ गए…

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तुर्किये (पुराना नाम तुर्की) में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके इतने तेज थे कि राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और आस-पास के इलाकों में महसूस किए गए। हेल्थ मिनिस्टर फहार्टिन कोका ने कहा- 22 लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक गंभीर है। ये लोग भूकंप के डर से एक ऊंची इमारत से कूद गए थे।

अंकारा में रहने वाले अब्दीफतह अदन ने आंखोंदेखा हाल बताया। उन्होंने कहा- मैंने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। अपार्टमेंट में अजीब सी कंपन हुई। ऐसा लग रहा था कि बिल्डिंग गिरने वाली है। सभी लोग बाहर निकलकर सड़क पर जमा हो गए।

ये तस्वीर दुजसे प्रांत की है। यहां एक भूकंप के बाद एक घर में रखा सामान पूरी तरह से बिखर गया।

हाल ही में भूकंप से बचाव के लिए एक ड्रिल हुई थी
एक अन्य शख्स ने भूकंप को सबसे खतरनाक बताया। ओमेर अनस उन्होंने कहा- 4 बजे के आस-पास मेरी नींद खुली। बिल्डिंग हिल रही थी। रूम में रखा बुकशेल्फ अचानक से गिर गया। मैं डर गया और घर से बाहर आ गया। पिछले हफ्ते ही एडमिनिस्ट्रेशन ने भूकंप से बचाव के लिए एक ड्रिल की थी। भूकंप के इतने तेज झटके मैंने अंकारा में कभी महसूस नहीं किए। उम्मीद करता हूं कि लोग सुरक्षित हों।

दुजसे में भूकंप आने के तुरंत बाद एक बुजुर्ग महिला अपने परिवार के साथ घर से बाहर निकल आई। उनके साथ बच्चे भी थे।

1999 में भूकंप से गई थी 800 से ज्यादा लोगों की जान
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दुजसे प्रांत के गोलकाया में आया। ये शहर इस्तांबुल से 200 किलोमीटर दूर है। इसी शहर में 1999 में सबसे खतरनाक 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 845 लोगों की मौत हो गई थी।

यूरोपियन-मेडिटेरियन सिस्मोलॉजी सेंटर के मुताबिक, दुजसे प्रांत में सुबह 4 बजकर 08 मिनट पर भूकंप आया।

लोगों ने शेयर की भूकंप के बाद की तस्वीरें

ये तस्वीर दुजसे की है। यहां भूकंप आने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। लोगों को जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते देखा गया।

दुजसे के मेयर फारुक ओजलू ने कहा- शहर के कुछ हिस्सों में बिजली गुल हो गई है। इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हुई हैं।

दुनिया में हर साल 20,000 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।