राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक चैनल से बातचीत में कहा था कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकते, वह गद्दार हैं. सचिन पायलट ने इसके जवाब में कहा कि इतने अनुभवी व्यक्ति को निराधार आरोप लगाना शोभा नहीं देता.
भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ना प्राथमिकता होनी चाहिए.
नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘गद्दार’ वाले बयान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा कि इतने अनुभवी व्यक्ति को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता.
साथ ही पायलट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने और राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने के लिए एकजुट होकर लड़ना प्राथमिकता होनी चाहिए. पायलट ने कहा कि गहलोत उन्हें ‘निकम्मा, नाकारा, गद्दार आदि’ कहते रहे हैं, लेकिन उनका लालन-पालन उन्हें इस प्रकार की भाषा के प्रयोग की अनुमति नहीं देता है.
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि अभद्र शब्दों का प्रयोग, कीचड़ उछालने और आरोप-प्रत्यारोप का जो दौर चल रहा है, उससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने के कुछ दिन पहले गहलोत ने पायलट को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत की थी और राज्य सरकार गिराने की कोशिश की थी इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता.
गहलोत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा, ‘मैंने अशोक गहलोत जी के बयानों को देखा है जो मेरे खिलाफ है. इतने अनुभव वाले किसी वरिष्ठ व्यक्ति को, जिन्हें पार्टी ने इतना कुछ दिया है, उनका ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना, पूरी तरह झूठे और निराधार आरोप लगाना शोभा नहीं देता.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री पायलट ने कहा, ‘इससे कोई उद्देश्य नहीं पूरा होता, जब हमें एकजुट होकर भाजपा से लड़ना है…पहले भी अशोक गहलोत जी लंबे समय से मुझ पर ऐसे आरोप लगाते रहे हैं.’
पायलट ने कहा कि अभी प्राथमिकता गुजरात में विधानसभा चुनाव जीतना है, जहां अशोक गहलोत पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राहुल गांधी और पार्टी के हाथ को भी मजबूत करना जरूरी है.
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में गुरुवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पैदल चलने वाले पायलट ने कहा, ‘हमारे लिए यह समय भाजपा को हराने की खातिर एक साथ काम करने का है क्योंकि केवल कांग्रेस ही भाजपा को हरा सकती है. मुझे लगता है कि अभद्र शब्दों के प्रयोग, कीचड़ उछालने और आरोप-प्रत्यारोप से कोई उद्देश्य नहीं पूरा होने वाला है.’
पायलट ने गद्दारी की, उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता: गहलोत
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए आरोप लगाया था कि जब पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस के कुछ विधायक गु़ड़गांव के एक रिसॉर्ट में एक महीने से अधिक समय तक रहे थे, तब इस बगावत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भी भूमिका थी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अक्सर उनसे मिलने जाते थे.
गहलोत ने कहा, ‘विधायक कभी उसे स्वीकार नहीं करेंगे जिसने बगावत की हो और जिसे गद्दार कहा गया हो. वह मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे आदमी को मुख्यमंत्री कैसे स्वीकार करेंगे. मेरे पास सबूत है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए गुरुग्राम के रिसॉर्ट में ठहरे विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये दिए गए थे.’
उन्होंने कहा, ‘एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता. हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं. ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया. उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं.’
उन्होंने कहा कि ऐसा उदाहरण कहीं देखने को नहीं मिलेगा जहां प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष वहां की सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा हो और जिसे प्रदेश अध्यक्ष तथा उपमुख्यमंत्री दोनों पद गंवाने पड़े हों.
ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है और गहलोत राज्य में पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक हैं.
गहलोत ने कहा कि अगर पायलट विधायकों से माफी मांगते और उन्हें मना लेते तो स्थिति अलग होती.
गहलोत के करीबी 90 से अधिक पार्टी विधायकों द्वारा राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपने माफी मांगने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने (पायलट ने) आज तक माफी नहीं मांगी है. अगर उन्होंने माफी मांगी होती तो मुझे माफी नहीं मांगनी पड़ती.’
जब गहलोत से पूछा गया कि क्या आलाकमान पायलट को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर सकता है तो उन्होंने कहा कि यह तो कल्पना आधारित सवाल है. उन्होंने यह भी कहा, ‘लेकिन यह कैसे होगा? यह नहीं हो सकता.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के बाद पार्टी विधायकों की पिछले दिनों हुई बैठक विद्रोह नहीं थी बल्कि पायलट के खिलाफ बगावत थी जिन्होंने उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की.
राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध रहा है.
गहलोत का कहना है कि पायलट की 2020 में की गई बगावत को भुलाया नहीं जा सकता और उन्हें अधिकतर कांग्रेस विधायकों का समर्थन नहीं है, वहीं पायलट खेमा दावा कर रहा है कि विधायक नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं.
इससे पहले बुधवार को पायलट ने एक गुर्जर संगठन के धमकी भरे बयान से खुद को अलग कर लिया था और भाजपा पर गड़बड़ी की कोशिश करने का आरोप लगाया था. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग स्वीकार नहीं करने पर भारत जोड़ो यात्रा को बाधित करने की धमकी दी थी.
पायलट के साथ गहलोत के मतभेदों को इस तरह सुलझाया जाएगा कि पार्टी मजबूत हो: कांग्रेस
इस खींचतान के बीच पार्टी ने गुरुवार को कहा कि उनके मतभेदों को इस तरह सुलझाया जाएगा कि पार्टी मजबूत हो. कांग्रेस ने यह भी कहा कि इस समय ध्यान भारत जोड़ो यात्रा की सफलता पर होना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘अशोक गहलोत वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. उन्होंने अपने कनिष्ठ सहयोगी सचिन पायलट के साथ जो मतभेद जाहिर किए हैं, उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा कि कांग्रेस पार्टी मजबूत हो.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘इस समय प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी पहले ही व्यापक रूप से सफल भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर भारत के राज्यों में और अधिक प्रभावशाली बनाने की है.’
इस वाक् युद्ध से राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह और बढ़ती नजर आ रही है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी कुछ दिन में राजस्थान में आने वाली है.
इसी बीच, राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इन आरोपों का खंडन किया कि 2020 में कांग्रेस विधायकों को दल बदल के लिए पैसे देने में भाजपा शामिल थी.
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