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दिल्ली शराब घोटाले में एक और गिरफ्तारी, ED ने कारोबारी अमित अरोड़ा को पकड़ा, BJP के स्टिंग ऑपरेशन में दिखा था

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Delhi Excise Policy: पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय ED ने अमित अरोड़ा (Amit Arora) के ठिकानों पर रेड भी मारी थी.

Delhi Excise Policy Case: ईडी (ED) ने दिल्ली आबकारी पॉलिसी मामले में अमित अरोड़ा (Amit Arora) को गिरफ्तार किया है.

अमित अरोड़ा गुरुग्राम का कारोबारी है. यह वही शराब कारोबारी है, जो बीजेपी के स्टिंग ऑपरेशन में भी दिखाई दिया था. इससे पहले सीबीआई (CBI) ने अमित अरोड़ा से पूछताछ भी की थी.

अमित अरोड़ा बडी रिटेल और 13 अन्य कंपनियों का डायरेक्टर है. इससे पहले वो 37 कंपनियों के निदेशक पद से जुड़ा था. अरोड़ा की इन कंपनियों का एक्साइज पॉलिसी में बदलाव में अहम भूमिका होने का शक है क्योंकि इन कंपनियों के अकाउंट से होटल और फ्लाइट टिकट बुक किए जाते थे. नई शराब नीति तैयार करने में अरोड़ा के साथ अन्य लोगों का हाथ भी हो सकता है, जिन्हें इस बदलाव से सीधे फायदा पहुंचा.

मनीष सिसोदिया का करीबी है अरोड़ा

जांच ये भी चल रही है कि क्या अमित अरोड़ा की कंपनी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी (NOC) ली थी या नहीं? किसके कहने पर नई शराब नीति के तहत तमाम अनियमितता को बरतते हुए 30 करोड़ रुपए जब्त करने के बदले लौटा दिए गए. वहीं, अरोड़ा को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी बताया जाता है.

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मामले में ED की छठी गिरफ्तारी

आबकारी पॉलिसी मामले में ईडी की यह छठी गिरफ्तारी है. अरोड़ा को मंगलवार (29 नवंबर) की रात धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. उसे जल्द ही स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां जांच एजेंसी उसकी हिरासत के लिए अनुरोध करेगी. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एफआईआर के बाद यह मामला दर्ज किया था.

CBI ने आरोपपत्र में किए कई दावे

सीबीआई ने मामले में हाल ही में दायर आरोपपत्र में दावा किया है कि अमित अरोड़ा और दो अन्य आरोपी दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ हैं और वे आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंस धारियों से जुटाए गए धन के ‘अवैध वित्तीय प्रबंधन और हेराफेरी करने में सक्रिय रूप से शामिल थे’. ईडी ने पिछले हफ्ते इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें गिरफ्तार व्यवसायी समीर महेंद्रू और कुछ इकाइयों को नामजद किया गया है.