कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन की जीत तय है।तेजस्वी यादव और ललन सिंह भी कुढ़नी गए हैं।भाजपा के बड़े बोल का इस चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है।
पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिद्दी करार दिया है।
उन्होंने कहा कि वह (नीतीश) जो करने की ठान लेते हैं, उसके लिए वे उतारू हो जाते हैं। मांझी ने तल्ख तेवर में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इससे कोई मतलब नहीं है कि इसका परिणाम क्या होगा।
इसी प्रक्रिया में पूरी समस्या झूल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद्द का परिणाम बताया है। बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार ने इसमें ताड़ी को शामिल कर सबसे बड़ी गलती की है। ताड़ी कोई शराब नहीं है, यह प्राकृतिक जूस है। जिससे कई परिवारों का गुजारा होता है।
उन्होंने कहा सरकार को चाहिये ताड़ी को शराब के कैटगरी से अलग कर दिया जाए, जिससे पिछड़े और गरीब वर्ग के लोगों को रोजगार मिल सके। लेकिन शराबबंदी में उनसे यह बाद चूक हो गई है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की राय चाहे जो भी हो, लेकिन मेरी राय इन सबसे अलग है। मांझी ने कहा कि कई गरीब ऐसे हैं जो ताड़ी बेचकर ही अपना घर चलाते हैं, उनका रोज़गार छीन जाएगा।
ताड़ी से लॉ एंड आर्डर खराब नहीं होता है। ताड़ी बंद करना उचित नहीं है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री से जब कुढ़नी उपचुनाव को लेकर सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि महागठबंधन की जीत तय है। लेकिन एक औपचारिकता के तहत हम वहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज तेजस्वी यादव और ललन सिंह भी कुढ़नी गए हैं। उन्होंने मुझसे भी वहां चलने के लिए कहा, जिसके बाद मैंने भी चुनाव प्रचार करने की तैयारी की है। मांझी ने कहा कि भाजपा के बड़े बोल का इस चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है।
बिहार में भाजपा द्वारा निकाय चुनाव को लेकर आचार सहिंता के दुरुपयोग पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर भाजपा के उठाए सवाल उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू है, लेकिन निकाय चुनाव नहीं होने के बाद यह निश्चित है कि बिहार में आचार संहिंता शिथिल है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आचार सहिंता को लेकर यह समझना मुश्किल है कि इसके क्या आधार है?