Home विदेश परमाणु जखीरे को बढ़ा रहा चीन, 2035 तक 400 से बढ़कर 1500...

परमाणु जखीरे को बढ़ा रहा चीन, 2035 तक 400 से बढ़कर 1500 हो जाएगी संख्या: Report

33
0

चीन अपने परमाणु जखीरे को लगातार बढ़ाने में लगा है. परमाणु ताकतों का आधुनिकीकरण, विविधता और विस्तार करने के उद्देश्य से चीन ने अपने परमाणु विस्तार को तेज कर दिया है और अपनी 2035 की समय-सीमा तक लगभग 1500 हथियारों के भंडार को तैयार करने की योजना बना रहा है.

बीजिंग ने संभवत: पिछले साल अपने परमाणु विस्तार को तेज कर दिया और 400 परमाणु हथियारों के भंडार को पार कर गया.

इस खबर में ये है खास-

  • परमाणु बलों का विस्तार करने का लक्ष्य
  • शी जिनपिंग को मिला था तीसरा कार्यकाल
  • परमाणु क्षमता को सुधारेगा चीन- जिनपिंग

परमाणु बलों का विस्तार करने का लक्ष्य

अमेरिकी रक्षा विभाग ने रिपोर्ट में कहा, “अनुमान है कि पीआरसी के परिचालन परमाणु हथियारों का भंडार 400 से अधिक हो गया है.” “पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) 2035 तक अपने राष्ट्रीय रक्षा और सशस्त्र बलों के मूल रूप से आधुनिकीकरण को पूरा करने की योजना बना रही है. यदि चीन अपने परमाणु विस्तार की गति को जारी रखता है, तो यह संभवतः 2035 की समयरेखा तक लगभग 1500 वारहेड का भंडार तैयार करेगा.” पेंटागन के अनुसार, पीआरसी का लक्ष्य अगले दशक में अपने परमाणु बलों का आधुनिकीकरण, विविधता और विस्तार करना है.

शी जिनपिंग को मिला था तीसरा कार्यकाल

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दशक पहले पीएलए के परमाणु आधुनिकीकरण के प्रयासों की तुलना में मौजूदा प्रयास पैमाने और जटिलता दोनों में पिछले आधुनिकीकरण के प्रयासों से अधिक हैं. अक्टूबर महीने में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में शी जिनपिंग को एक बार फिर से पार्टी नेता चुना गया था. जिनपिंग ने अपने विरोधी प्रधानमंत्री को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. कम्युनिस्ट पार्टी ने शी जिनपिंग को नेता बरकरार रखने के लिए प्रस्ताव पास किया. इस बैठक के समाप्त होने के बाद शी जिनपिंग को चीन के राष्ट्रपति के रूप में तीसरे कार्यकाल मिल गया.

परमाणु क्षमता को सुधारेगा चीन- जिनपिंग

सीपीसी की बैठक में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के मजबूत रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता स्थापित करने संबंधी बयान के बाद विशेषज्ञों का मानना था कि चीन अपने परमाणु जखीरे का विस्तार कर सकता है. शी जिनपिंग का यह बयान संकेत देता है कि चीन अमेरिका के साथ बढ़ रही प्रतिद्वंद्विता के मद्देनजर अपनी परमाणु प्रतिरोध क्षमता को सुधारेगा क्योंकि अमेरिका अहम परमाणु शक्ति है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पूर्व इंस्ट्रक्टर सॉन्ग झोंगपिंग ने एक बयान में कहा कि इसका अर्थ है कि चीन ”अपनी रणनीतिक परमाणु क्षमता का विकास”राष्ट्रीय सुरक्षा को कायम रखने के लिए करेगा.