हॉकी की नर्सरी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम सिर्फ नाम का रह गया है। 22 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित जिस स्टेडियम का लोकार्पण जनवरी 2014 में हुआ था, उसे अब तक अपग्रेड करना तो दूर उल्टे उसकी दुर्गति कर दी गई है। प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं हो पाने की वजह से करीब साढ़े तीन करोड़ का ग्रीन टर्फ खराब हो गया। सात साल की लाइफ वाला टर्फ अब एक्सपायरी हो चुका है। लाइफ खत्म हो चुकी है। हालत ऐसी है कि इसकी सफाई से भी कोई फायदा नहीं होने वाला है। उल्टे कार्पेट बदलने की नौबत आ गई है, जिस पर दो से ढाई करोड़ रुपए खर्च संभावित है।हॉकी की नर्सरी में खेलप्रेमी आगामी माह में अखिल भारतीय हॉकी टूर्नामेंट की आस लगाए बैठे हैं। प्रशासन बैठकें ले रहा है। अफसर निरीक्षण कर रहे लेकिन टर्फ को व्यवस्थित कर इस पर सफल आयोजन के लिए कोई भी अफसर गंभीर नजर नहीं आ रहा। तत्कालीन कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने टर्फ में बदलाव के लिए प्रस्ताव मांगा था लेकिन उनका तबादला हो जाने के बाद नए कलेक्टर डोमन सिंह ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
टर्फ में मिट्टी, काले रंग की परत जमी, परेशानी
अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार किए गए इतने महंगे टर्फ में काली मिट्टी जम गई है। परत जमने के बाद यदि इसमें पानी का छिड़काव किया जाता है तो पूरी तरह से फिसलन पैदा हो जाती है। ऐसे हालात में इस पर राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट कराना बड़ा मुश्किल है। खिलाड़ियों के लिए यह बहुत ज्यादा रिस्की हो सकता है। कभी भी वे गिर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूछते हैं, यहां का टर्फ कैसा है
नामी टीमों के खिलाड़ियों से जब भी संपर्क साधा गया पहला सवाल यही रहता है ग्राउंड और टर्फ कैसा है। यदि यही हाल रहा तो अखिल भारतीय हॉकी टूर्नामेंट में नामी खिलाड़ियों की मौजूदगी नहीं रहेगी। पिछली बाद बीपीसीएस की टीम ने कह दिया था कि टर्फ बदलेगा तभी खेलने के लिए आएंगे। अन्यथा उनकी उपस्थिति नहीं हो पाएगी। फिलहाल ग्राउंड का हाल वैसा ही है।
इधर फैक्ट्री के धुएं से डस्ट उड़कर मैदान में जम रहा
शुरुआत में ग्राउंड की दीवारों से लेकर गैलरी में रंगरोगन किया गया था। आज हालात ऐसे हैं कि दीवारों में काई जमी हुई है। गैलरी का रंग उड़ चुका है। सफाई नहीं हो पा रही है और न ही पुताई की गई है। खिलाड़ियों ने इसकी शिकायत भी की थी। एसडीएम अरुण वर्मा ने इसकी जांच कर समाधान करने की बात कही थी। हालांकि वह काम भी नहीं हो पाया है।
जल्द निर्णय लिया जाए
राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए हमारा मैदान तैयार नहीं है। भेंट-मुलाकात में सीएम से टर्फ बदलने की मांग की गई थी। आगे इस पर जल्द निर्णय लेकर बदलाव किया जाना चाहिए। ताकि स्पर्धा का सफल आयोजन हो सके।
फिरोज अंसारी, अध्यक्ष जिला हॉकी संघ
अभी राशि नहीं मिल पाई
विभाग से टर्फ की मरम्मत सहित अन्य कार्य के लिए पांच लाख रुपए की मांग की गई थी। अब तक राशि नहीं मिल पाई है। इसके चलते मरम्मत कार्य अटके हुए हैं। तकनीकी अधिकारी ही टर्फ के एक्सपायर होने के संबंध में जानकारी दे सकते हैं।