भारतीय वायु सेना (IAF) ने महिला अधिकारियों को अपनी स्पेशल फोर्स यूनिट गरुड़ कमांडो बल में शामिल होने की अनुमति दे दी है। वायु सेना के इस फैसले के पीछे का मुख्य उद्देश्य एयरफोर्स में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।
बल में शामिल होने के लिए महिलाओं को एयरफोर्स के चयन मानदंडों को पूरा करना होगा। इस मुद्दे से परिचित एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि एलीट विंग में महिलाओं को शामिल करने का फैसला पिछले साल लिया गया था लेकिन जानकारी अब सामने आई है। दूसरी ओर भारतीय नौसेना ने भी महिलाओं के लिए अपने दरवाजे को खोलने का फैसला किया है। नौसेना अपने स्पेशल कमांडो फोर्स (मार्कोस) में सेवा देने के लिए महिलाओं की भर्ती की अनुमति देगा।
जरूरी मानदंडों को पूरा करना होगा
जिसके बाद अब यह साफ हो गया है कि अगर महिलाएं इसके लिए सभी जरूरी मानदंडों को पूरा करती हैं, तो वे अब समुद्री कमांडो (मार्कोस) बन सकती हैं। दोनों सेवाओं के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने स्पेशल फोर्स में महिलाओं को शामिल करने की अनुमति दे दी है। यह बात भी है कि इसके लिए चयन या प्रशिक्षण मानकों में कोई कमी नहीं होगी।
तीनों सेनाओं के जवानों में कुछ का होता है चयन
सेना, नौसेना और वायु सेना के कुछ सबसे मजबूत सैनिकों को शामिल करके उनकी स्पेशल फोर्स बनाई जाती है। इन स्पेशल फोर्स का इस्तेमाल किसी बड़े ऑपरेशन में ही किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग काफी कठिन मानी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान इनको हर चीज से वाकिफ कराया जाता है।
दुश्मन को कैसे मात देना है, जिसकी सुरक्षा में लगे हैं उसको कैसे सुरक्षित रखना है आदि के बारे में पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। इनको खतरनाक मिशनों को अंजाम देने के लिए ही तैयार किया जाता है। ये कमांडो हर तरह की परिस्थितियों में ऑपरेशन का अंजाम देने में सक्षम रहते हैं।