यूक्रेन ने रूस पर रॉकेट दाग दिए। खबर है कि युद्ध के सबसे घातक हमलों में से एक में करीब 63 रूसी सैनिकों की मौत हो गई है। कहा जा रहा है कि इसके लिए यूक्रेन ने ‘HIMAR’ सिस्टम का इस्तेमाल किया है।
हालांकि, इससे पहले भी खबरें आती रही हैं कि यूक्रेन ने रूसी बलों के खिलाफ इस घातक सिस्टम को लॉन्च किया है। अब सवाल है कि HIMAR क्या है और यूक्रेन के पास यह ताकत कहां से आई?
पहले हिमार्स को जानते हैं
हिमार्स यानी एम142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम। यह एक मिसाइल लॉन्चर है, जो 5 टन वजनी ट्रक से जुड़ा हुआ है और एक बार में 6 गाइडेड मिसाइल लॉन्च कर सकता है। हिमार्स रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की रेंज 80 किमी तक होती है। इसका वजन करीब 16.25 टन होता है।
हालांकि, कहा जा रहा है कि हिमार्स की रेंज अलग-अलग हो सकती है। हिमार्स एक आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम मिसाइल को भी दाग सकती है, जिसकी रेंज 300 किमी तक हो सकती है। हालांकि, यूक्रेन के पास यह नहीं है।
यूक्रेन को कैसे मिली
खबरें हैं कि अमेरिका ने 9 बिलियन डॉलर के सुरक्षा सहयोग पैकेज में 16 हिमार्स सिस्टम्स को भी शामिल किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की भी कह चुके हैं कि हिमार्स मिसाइलें रूस के खिलाफ युद्ध की दिशा बदल रही हैं। कहा जा रहा है कि इसका इस्तेमाल दर्जनों रूसी लक्ष्यों को निशाना बनाने में किया गया है।
जानकार बताते हैं कि यूक्रेन में हिमार्स का इस्तेमाल जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में होने लगा था। बताया जा रहा है कि शुरुआती दौर में इनका उपयोग चहलकदमी करते बलों के बजाय तय लक्ष्य और कमांड सेंटर्स के खिलाफ किया गया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने दावा किया था कि लिसिचांस्क, लुहांस्क में मिसाइल अटैक में 100 सैनिकों की मौत हो गई थी। लुहांस्क के पोपासना में हुए हमले में भी करीब 100 मौतें हुई थीं। बीबीसी की रिपोर्ट में सेंट एंड्र्यूज यूनिवर्सिटी में स्ट्रैटिजिक स्टडीज के प्रोफेसर फिलिप्स ओ ब्रायन के हवाले से बताया गया कि दोनों ही हमलों में हिमार्स के इस्तेमाल किए जाने की आशंका थी।
यूक्रेन के लिए कितने फायदे की है हिमार्स
खबर है कि अगस्त के मध्य तक यूक्रेन के बलों ने हिमार्स के जरिए 100 से ज्यादा हाई वेल्यू रूसी टारगेट्स को निशाना बनाया था। ब्रायन ने कहा, ‘हिमार्स सप्लाई लाइन को काटने में मदद करता है और इसके जरिए ही वह एक खतरनाक हथियार बन जाता है।’ यूक्रेन के रक्षा सचिव ओलेस्की रेज्नीकोव ने कहा था कि रूस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए 50 से ज्यादा हिमार्स सिस्टम की जरूरत है।
रूस कैसे कर रहा है सामना
किंग्स कॉलेज लंदन की डॉक्टर मरीना मिरोन का कहना है कि रूस डिलीवरी के दौरान हिमार्स लॉन्चर्स और मिसाइल्स को खत्म करने पर ध्यान लगा रहा है। इतना ही नहीं बलों की तरफ से कई लॉन्चर्स और मिसाइलों को तबाह करने का दावा भी किया गया, लेकिन इसके संबंध में सबूत नहीं दिया।