कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने जमकर प्रचार किया है. वो चाहे कांग्रेस हो या बीजीपी या फिर जेडीएस या अन्य छोटे क्षेत्रीय दल सभी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. अगर हम भाजपा की बात करें और उसमें से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों की तो पीएम ने अकेले सिर्फ सात दिनों में 18 जनसभाओं को संबोधित किया है. इसके अलावा उन्होंनें 6 रोड शो भी किया है. चूंकि प्रधानमंत्री की छवि और पॉपुलारिटी के कर्नाटक में भी जबरदस्त है. ऐसे में भाजपा को पीएम मोदी के रैलियों से फायदा हो सकता है. यह सिर्फ कर्नाटक की ही बात नहीं है चूंकि इस साल कई और अन्य राज्यों में भी विधानसभा का चुनाव होना है और उनमें राजस्थान और मध्यप्रदेश दो बड़े राज्य भी शामिल हैं. ऐसे में कर्नाटक में भाजपा अपने सत्ता को बचाए रखने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी. इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो किया. लेकिन सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री का इस तरह से धुआंधार प्रचार करना भाजपा को कर्नाटक के रण में फिर से सत्तासीन कर पाएगी या नहीं. इसका जवाब तो अब जनता के पास ही है. चूंकि बुधवार कल यानी 10 मई को मतदान होना है और ठीक तीन दिन के बाद 13 मई को चुनाव परिणाम घोषित कर दिये जाएंगें. उसी दिन पता चलेगा कि पीएम मोदी की रैलियों और उनकी बातों को कर्नाटक की जनता ने किस तरह से लिया है.
प्रधानमंत्री की मोदी की रैलियां
7 दिन
18 रैलियां
6 रोड शो
अमित शाह की रैलियां
9 दिन
16 रैलियां
20 रोड शो
योगी आदित्यनाथ की रैलियां और रोड शो
3 दिन
10 रैलियां
3 रोड शो
कर्नाटक में कांग्रेस का धुआंधार प्रचारः चुनाव प्रचार के आंकड़ों के हिसाब-किताब में राहुल गांधी सबसे आगे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी ज्यादा रैलियों को संबोधित किया है. हालांकि राहुल ने रोड शो में कम विश्वास दिखाया है. वहीं, उनकी बहन सह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 11 रोड शो किया है. कांग्रेस की तरफ से सबसे अधिक रैलियों और रोड शो करने का श्रेय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जाता है.
राहुल गांधी की रैलियां और रोड शो
11 दिन
23 रैलियां
2 रोड शो
प्रियंका गांधी की रैलियां और रोड शो
9 दिन
15 रैलियां
11 रोड शो
कर्नाटक में मलिल्कार्जुन खरगे की रैलियां
15 दिन
32 रैलियां
1 रोड शो
सोनिया गांधी का कर्नाटक में धुआंधार प्रचार
1 दिन
1 रैली
इन दिग्गज प्रचारकों की बात करें तो भाजपा की तरफ से 44 रैलियां और 29 रोड शो किये गये हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से 71 रैलियां और 14 रोड-शो के कार्यक्रम आयोजित किए गए.