Home प्रदेश उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 25 IAS समेत 38 अफसरों के प्रभार...

उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 25 IAS समेत 38 अफसरों के प्रभार बदले

56
0

उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक बार फिर से बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया है. इसमें 25 आईएएस आधिकारियों समेत करीब 38 अधिकारियों के प्रभारों में बदलाव किए गए हैं.

Uttarakhand Administrative Reshuffle: उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर व्यापक स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 25 आईएएस अधिकारियों समेत कुल 38 अधिकारियों के प्रभारों में बड़ा बदलाव किया है. शनिवार देर रात जारी किए गए तबादला आदेशों के मुताबिक कई वरिष्ठ अफसरों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जबकि कुछ अधिकारियों को वर्तमान पदों से हटाकर नए दायित्व दिए गए हैं. इस फेरबदल का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक सशक्त एवं प्रभावी बनाना बताया जा रहा है.

इस फेरबदल के तहत अभिषेक रूहेला को शिक्षा महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले यह जिम्मेदारी झरना कमठान के पास थी, जिन्हें अब अपर सचिव वित्त बनाया गया है. समाज कल्याण विभाग में भी बदलाव किए गए हैं, जहां चंद्र सिंह धर्मशक्तू को निदेशक समाज कल्याण नियुक्त किया गया है. वहीं, पीसीएस अधिकारी विप्रा त्रिवेदी को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की नई सचिव बनाया गया है.

सीएम धामी ने अपने सचिव को कौन सा विभाग सौंपा?
प्रमुख फेरबदल मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के कार्यक्षेत्र में किया गया है. उन्हें वित्त, कार्मिक, सतर्कता और कृषि उत्पादन आयुक्त के पदों से मुक्त कर दिया गया है. अब वे मुख्य स्थानिक आयुक्त, मुख्य निवेश आयुक्त दिल्ली और तीनों ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे. प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ वित्त, कृषि उत्पादन आयुक्त तथा निदेशक एवं अध्यक्ष उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम की जिम्मेदारी दी गई है.

मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली को गृह विभाग के साथ अब कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी को आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग का नया सचिव बनाया गया है, जबकि यह जिम्मेदारी पहले सचिव रविनाथ रमन के पास थी. सचिव विनोद कुमार सुमन को आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त निदेशक ऑडिट की जिम्मेदारी भी दी गई है.

डीएम कर्मेंद सिंह से कुंभ का दायित्व हटा
राज्य संपत्ति विभाग का कार्यभार अब रणवीर सिंह चौहान के पास होगा. सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी, जो अब तक बाध्य प्रतीक्षा में थे, को नियोजन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सचिव सी. रविशंकर को कौशल विकास के साथ वन विभाग का दायित्व सौंपा गया है.

इस व्यापक फेरबदल में जिलों के प्रशासनिक ढांचे में भी बदलाव किए गए हैं. नैनीताल की संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल को मुख्य विकास अधिकारी टिहरी बनाया गया है, जबकि मसूरी की संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका को सीडीओ नैनीताल की जिम्मेदारी सौंपी गई है. टिहरी के डीएम मयूर दीक्षित को उपाध्यक्ष, जिला विकास प्राधिकरण बनाया गया है. हरिद्वार के डीएम कर्मेंद्र सिंह से मेलाधिकारी कुंभ का दायित्व हटा दिया गया है. प्रकाश चंद दुम्का को उपाध्यक्ष, जिला विकास प्राधिकरण टिहरी से हटाकर आयुक्त गन्ना एवं चीनी, काशीपुर नियुक्त किया गया है.

कुंभ की जिम्मेदारी सोनिका को सौंपी गई
डॉ. अहमद इकबाल को महानिदेशक निबंधन आयुक्त कर के पद से मुक्त किया गया है. सोनिका को आयुक्त कर, महानिरीक्षक निबंधक तथा मेलाधिकारी कुंभ की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डॉ. प्रकाश चंद को निदेशक समाज कल्याण पद से हटाया गया है. गौरव कुमार से समाज कल्याण और आयुक्त दिव्यांगजन का प्रभार लेकर यह जिम्मेदारी रवनीत चीमा को दी गई है.

तीर्थपाल सिंह को संयुक्त मुख्य प्रशासक, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के पद से मुक्त कर दिया गया है. वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून प्रत्यूष सिंह को जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) का सामान्य प्रबंधक बनाया गया है.

प्रशासन की फेरबदल में युवाओं को भी मिला मौका
पीसीएस अधिकारी बंशीलाल राणा को संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल के पद से हटाकर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन बनाया गया है. पीसीएस अशोक कुमार पांडेय को सीडीओ नैनीताल से मुक्त कर उत्तराखंड लोकसेवा आयोग का परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया गया है. अवधेश कुमार सिंह को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग से स्थानांतरित कर एडीएम टिहरी बनाया गया है. अधिशासी निदेशक, चीनी मिल डोईवाला को संयुक्त मुख्य प्रशासक, आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी भी दी गई है

उत्तराखंड सरकार के इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल ने प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में एक नई ऊर्जा का संचार किया है. जहां कुछ अधिकारी वर्षों बाद फिर से सक्रिय जिम्मेदारियों में लौटे हैं, वहीं कई युवा और अनुभवी अफसरों को नई जिम्मेदारियां सौंपकर प्रशासन को अधिक कुशल बनाने का प्रयास किया गया है. यह फेरबदल आने वाले समय में प्रदेश के शासन-प्रशासन में कितनी प्रभावशीलता लाता है, यह देखना अहम होगा.