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“बाडेन-वुर्टेमबर्ग और महाराष्ट्र के बीच गठबंधन ‘आर्थिक महाशक्तियों’ का एक मॉडल, ग्लोबल समिट में बोले स्टेट सेक्रेटरी फ्लोरियन हैस्लर”

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ग्लोबल समिट 2025 के मंच पर भारत के अलावा जर्मनी के कई दिग्गज हस्तियों ने अपनी बात रखी. बाडेन-वुर्टेमबर्ग के स्टेट सेक्रेटरी, फ्लोरियन हैस्लर ने कहा कि 10 साल पहले महाराष्ट्र के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत हुई थी और इसने भारत और जर्मनी जैसे 2 आर्थिक महाशक्तियों को एकजुट करने का काम किया.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी सिर्फ विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आपसी समृद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी है.

ग्लोबल समिट के दूसरे एडिशन में अपने भाषण में बाडेन-वुर्टेमबर्ग के राजनीतिक समन्वय और यूरोप मामलों के स्टेट सेक्रेटरी, फ्लोरियन हैस्लर (Florian Hassler) ने जर्मन राज्य (Baden-Württemberg) और महाराष्ट्र के बीच रणनीतिक साझेदारी की कामयाबी पर रोशनी डाली.

हैस्लर ने कहा, “आज से 10 साल पहले, हमने महाराष्ट्र के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की थी, जिसने भारत और जर्मनी जैसे 2 आर्थिक महाशक्तियों को एकजुट किया.”

बाडेन-वुर्टेमबर्ग में 50 से अधिक भारतीय कंपनियां हैस्लर

साथ ही उन्होंने उद्योग, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में एक दशक के मजबूत सहयोग का जिक्र भी किया. अपने संबोधन में उन्होंने गहरे आपसी विश्वास, ठोस आर्थिक आदान-प्रदान और एक साझा भविष्य के लिए एक कॉमन फ्यूचर पर आधारित संबंधों की बात की.

स्टेट सेक्रेटरी हैस्लर ने आज गुरुवार को इस द्विपक्षीय सहयोग के असरदार विस्तार का विवरण देते हुए कहा कि बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य की करीब 350 कंपनियां वर्तमान में महाराष्ट्र में सक्रिय हैं, जबकि 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने बाडेन-वुर्टेमबर्ग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. भारत और जर्मनी के बीच स्थापित हुए जीवंत आर्थिक गलियारे का उदाहरण देते हुए उन्होंने जोर देकर कहा, “यह दर्शाता है कि दोनों पक्षों में कितना अटूट विश्वास है.”

जर्मनी में संभावित स्किल गैप को दूर कर सकता है भारत

यह साझेदारी वाणिज्य के क्षेत्र से आगे निकलकर शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे अहम क्षेत्रों तक पहुंचती है. राजनीतिक समन्वय और यूरोप के स्टेट सेक्रेटरी हैस्लर ने बताया कि बाडेन-वुर्टेमबर्ग के यूनिवर्सिटीज भारतीय संस्थानों के साथ 100 से ज्यादा साझेदारियां करती हैं, जिनमें से अच्छी खासी संख्या महाराष्ट्र में है, जो विविध क्षेत्रों की चुनौतियों का समाधान करने वाले सहयोगात्मक अनुसंधान (collaborative research) को बढ़ावा देती है.

इसके अलावा, हैस्लर ने अपने संबोधन के दौरान कुशल व्यवसायों और व्यावसायिक प्रशिक्षण में “ब्रिज” के महत्व पर प्रकाश डाला, जो एक पारस्परिक रूप से लाभकारी अवसर पेश करता है और महाराष्ट्र के टैलेंटेड लोग बाडेन-वुर्टेमबर्ग में काम करने के लिए आ सकते हैं. यह पहल न केवल जर्मनी में संभावित स्किल गैप को दूर करती है, बल्कि भारत के युवा प्रोफेशनल्स के लिए अमूल्य अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी प्रदान करती है.

साझेदारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी प्रतीक

हैस्लर ने जोर देते हुए कहा कि भारत और जर्मनी की साझेदारी सिर्फ विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है; बल्कि यह एक समृद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी प्रतीक है. दो दशकों से भी अधिक समय से, बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य की राजधानी स्टटगार्ट भारतीय फिल्म महोत्सव की मेजबानी कर रही है, इसे उन्होंने पूरे यूरोप में सबसे बड़ा भारतीय फिल्म महोत्सव घोषित करते हुए गर्व महसूस किया, जो प्रभावी रूप से संस्कृतियों को जोड़ता है और गहरी समझ को बढ़ावा देता है.