Home देश “गठबंधन टूटने, जन आंदोलन और वैश्विक तनाव की संभावना! 2026 में भारत...

“गठबंधन टूटने, जन आंदोलन और वैश्विक तनाव की संभावना! 2026 में भारत की राजनीति में क्या होगा?”

1
0

नया साल राजनीतिक दृष्टिकोण से उतार-चढ़ाव और अप्रत्याशित बदलावों से भरा साल साबित हो सकता है. ग्रहों की बदलती स्थिति और ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक, भारत और दुनिया दोनों ही स्तर पर कई महत्वपूर्ण घटनाएं उभरकर सामने आ सकती हैं.

आइए जानते हैं साल 2026 में भारत और वैश्विक स्तर की राजनीति में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

नए साल में भारत की राजनीति में क्या खास?

नया साल भारतीय राजनीति के स्तर पर स्थिरता और अनिश्चित परिणामों का साल साबित हो सकता है. वर्ष की शुरुआत प्रशासनिक और सरकारी नीतियों के लिहाज से सुचारू रूप से चल सकती हैं, वहीं वर्ष के मध्य यानी मई से जुलाई के बीच अप्रत्याशित घटनाओं के कारण पक्ष-विपक्ष पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला देखने को मिल सकता है.

भारत के कई राज्यों में स्थानीय और क्षेत्रीय चुनावों का असर राष्ट्रीय स्तर की राजनीति पर देखने को मिल सकता है. विपक्षी पार्टियों में गठबंधन के टूटने की खबर सामने आ सकती है.

सरकार की नीतियों को लेकर विरोध-प्रदर्शन की संभावना

सामाजिक और आर्थिक स्तर पर लोगों का आक्रोश देखने को मिल सकता है. सरकार की कुछ नीतियों को लेकर आम जनता विरोध-प्रदर्शन और आंदोलनों के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर सकती है. आर्थिक हितों को लेकर संभावना है कि, आम जनता को विपक्षी पार्टियों को समर्थन मिल सकता है.

आधा वर्ष बीतने के साथ ही प्रशासनिक निर्णयों में तेजी आने के साथ नई योजनाओं और प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम हो सकता है.

वैश्विक स्तर पर साल 2026 राजनीतिक तनाव के साथ सामरिक (Strategic) में कई तरह के बदलाव होंगे. वैश्विक स्तर पर महाशक्तियां के बीच टकराव और सहयोग दोनों को लेकर खींचातानी देखने को मिल सकती है.

वैश्विक स्तर की राजनीति पर क्या प्रभाव

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, तकनीक और सुरक्षा को लेकर तनाव बढ़ने की संभावना है. इस संघर्ष के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

यूरोप जैसे देश ऊर्जा संकट और आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति का सामना कर सकता है. सरकारें आर्थिक नितियों के साथ आंतिरक सुधारों को लेकर नए तरीके अपना सकती हैं.

मध्य पूर्व और एशिया के देशों में सीमावर्ती विवाद और स्ट्रेटजिक में गतिशीलता बनी रहेगी. सुरक्षा के लिहाज और राजनीतिक गठबंधन के क्षेत्र में सरकारें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

भारत की रणनीतिक और आर्थिक भूमिका बाकी देशों के लिहाज से मजबूत होगी. दक्षिण एशिया और अफ्रीका जैसे देशों के साथ सहयोग और व्यापार में करीबी आने के साथ वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति बेहतर होगी.

कुल मिलाकर भारत और दुनिया दोनों के लिए साल 2026 चुनौतियों और अवसरों से भरा रहने वाला है. भारत में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के साथ प्रशासनिक निर्णय में पारदर्शिता और सामाजिक आंदोलनों में अप्रत्याशित बदलाव के संकेतों से भरा रहने वाला है. जबकि वैश्विक स्तर पर शक्तियों में टकराव और भू-रणनीतिक बदलावों से भरा साबित हो सकता है.